apj kalaam-kratitv-vyaktiv ki misal
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कलाम साहब- व्यक्तित्व और कृतित्व
पुण्य तिथि -२७ जुलाई
कलाम साहब एक ऐसी शख्सियत जिनके बारे में निश्चित अवधारणा बनाने वाला दुविधा और संशय में पड़ सकता है कि वह कलाम साहब को क्या माने ? एक महान इंसान या एक समर्पित राष्ट्र-वादी ,एक कुशल राज -नीतिज्ञ या एक वैज्ञानिक ? वे अपने हर रूप में श्रेष्ठ थे।
वैज्ञानिक के रूप में जहाँ उन्होंने देश को सामरिक दृष्टि से संपन्न बनाया ,अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया ,इस योगदान को कोई भारत वासी भूला नहीं सकेगा।
राष्ट्र-पति पद पर रहते हुए देश की दशा और दिशा बदलने के अतिरिक्त सर्वोच्च राष्ट्र -नायक के दायित्व का निर्वाह भी बखूबी किया। उन्होंने देशवासियों में विश्वास जाग्रत किया कि भारत में विश्व की महा-शक्ति बनाने की अपार संभावनाएं और सामर्थ्य अन्तर्निहित है। उन्होंने देश की युवा-शक्ति में अपने ओजस्वी विचारों की प्रेरक वाणी से अदम्य ऊर्जा और साहस का संचरण किया।
सपनों के बारे में वे जैसा सोचते थे ,कहते थे ,उन्हें यथार्थ रूप में परिणत भी किया। सपनों के बारे में वे कहा करते थे –
सपने वे नहीं होते जो सोते समय देखते है ,सपने वे होते है जो आपको सोने नहीं देते
इससे पहले कि आपके सपने सच हो , पहले आपको सपने देखने होंगे
महान सपने देखने वाले महान लोगों के सपने हमेशा के पूरे होते है
आकाश की तरफ देखिये ,हम अकेले नहीं है। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते है और मेहनत करते है ,उन्हें प्रतिफल देने की कोशिश करते है।
कलाम साहब ने जैसा दूसरों से कहा ,उससे पहले उन्होंने इन बातों को अपने पर चरितार्थ किया। उन्होंने भारत को जैसा बनाने का सपना देखा था ,इस दुनिया से जाने से पहले वे भारत को वैसा ही बना कर गए। आज अगर भारत सामरिक दृष्टि से संपन्न है और अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर परमाणु संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल है तो ,इसका सारा श्रेय कलाम साहब को जाता है।
मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा होकर राष्ट्र-पति जैसे देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचना उनके अविलक्षण व्यक्तित्व और कृतित्व का साक्ष्य स्वयं बन जाता है। जितना सुन्दर उनका कृतित्व था ,उतना ही सुन्दर उनका व्यक्तित्व था। उनके विचार उनके व्यक्तित्व -कृतित्व से कहीं ज्यादा सूंदर थे। उन्होंने कहा था –
जीवन में कठिनाइयां हमें बर्बाद करने नहीं आती बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और कठिनाइयों को बहार निकालने में हमारी मदद करती है। कठिनाइयां को यह जान लेना चाहिए कि आप उनसे भी ज्यादा कठिन हो।
उनके विचार विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए संजीवनी शक्ति भरती है। वे कहा करते थे –
इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है ,क्योकि सफलता का आनंद उठाने के लिए यह आवश्यक है
जवानी के जोश से भरे अपने दिनों को सही दिशा दे और व्यर्थ ना जाने दे क्योकि एक बार वे गुजर गए तो फिर आप जितनी मर्ज़ी दौलत लुटा दीजिये ,उन्हें वापस नहीं पा सकते
लक्ष्य प्राप्ति के लिए वे कहते थे –
शिखर तक पहुचने के लिए ताक़त चाहिए ,चाहे वह माउंटेन एवेरेस्ट हो या कोई दूसरा लक्ष्य
वे लोग जो दिल लगाकर काम नहीं करते ,उनकी सफलता भी आधी-अधूरी होती है और वे अपने चारों ओर कड़वाहट फैला देती है
युवाओं को सम्बोधित उन्होंने कहा था –
युवाओं को मेरा सन्देश है कि वे अलग तरीके से सोचे ,कुछ नया करने का प्रयत्न करें ,अपना रास्ता खुद बनाये। असंभव को हासिल करें।
अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा
जब तक पूरा भारत उठकर खड़ा नहीं होगा ,संसार में कोई हमारा आदर नहीं करेगा। इस दुनिया में डर की कोई जगह नहीं ,केवल शक्ति की पूजा होती है
क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म-सम्मान आत्म-निर्भरता के साथ आता है।
आत्म-विशवास और कड़ी मेहनत ,असफलता नाम की बीमारी को ख़त्म करने की सबसे अच्छी दवा है।
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदतें बदल सकते है और अच्छी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी
ईश्वर ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तिव में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी है ,ईश्वर की प्रार्थना हमे इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है
हमें चाहिए कि हम अपना आज का बलिदान इस लिए कर देना चाहिए ताकि हमारे बच्चों का भविष्य बेहतर हो सके
अच्छी पुस्तकें हज़ार दोस्तों के बराबर होती है और एक अच्छा दोस्त एक पुस्कालय के बराबर होता है
उनका यह कथन नकारात्मक और निराशावादियों के ह्रदय में प्राण फूंकता है –
अगर आप असफल हो जाये तो कभी हार मानकर मत बैठिये क्योकि F.A.I.L का अर्थ होता है -सीखने की आपकी पहली कोशिश –END भी अंत नहीं होता क्योकि E.N.D का अर्थ होता है -कोशिश कभी बेकार नहीं होती
अगर आपको जवाब दिया जाता है NO तो भी कोई बात नहीं क्योकि N.O का अर्थ होता है -अगला अवसर इसलिए हमेशा possitive बने रहिये
सीखने की कोई उम्र नहीं होती। यह एक सतत प्रक्रिया है ,इस सम्बन्ध में कलाम साहब कहते थे –
सीखना ,रचनात्मकता को जन्म देता है। रचनात्मकता विचोरों की ओर ले जाती है। विचार आपको ज्ञान देता है और ज्ञान आपको महान बना देता है।
पारिवारिक पृष्ठ -भूमि
नाम -अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
जन्म- १५ अक्टूबर १९३१
जन्म स्थान-धनुष कोड़ी ,रामेश्वरम ,तमिलनाडु
निर्वाण -२७जुलाई ,२०१५
राजकीय सम्मान -ग्यारहवे राष्ट्र पति
पहचान – मिसाइल मैन
पिता-जैनुलाब्दीन
पारिवारिक पृष्ठ भूमि- माध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार
पिता का व्यवसाय -मछुवारों को नाव किराये पर देना
प्रारम्भिक शिक्षा -रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में
१९५८ में मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेकनोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञानं में स्नातक
वैज्ञानिक जीवन
भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संसथान में प्रवेश लेकर हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम
१९६२ में भारतीय अन्तरोक्ष अनुसन्धान संगठन से जुड़कर उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका
पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एस एल वी -३ के निर्माण में अहम् भूमिका
जुलाई १९८२ में रोहिणी उपग्रहको सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया
इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को सफल बनाने का श्रेय
स्वदेशी लक्ष्यभेदी नियन्त्रित प्रक्षेपास्त्र (गाइडेड मिसाइल )का डिज़ाइन तैयार किया
अग्नि और पृथ्वी जैसे प्रक्षेपास्त्र को स्वदेशी तकनीक से निर्मित किया १९९२ से १९९९ तक रक्षा मंत्री के विज्ञानं सलाहकार तथा सुरक्षा शोध व विकास विभाग के सचिव
रण नीतिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली का उपयोग आग्नेय अस्त्रों के रूप में
पोखरण में दूसरी बार परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करनेवाले देशों में शामिल करने में महत्वपूर्ण योगदान
राजनितिक जीवन
१८जुलाई २००२ को कलाम साहेब को देश के ग्यारहवे राष्ट्र-पति के रूप में चुना गया और २५ जुलाई २००७तक वे इस पद पर बने रहे।
स्वतन्त्र जीवन
देश की विभिन्न संस्थाओ में शैक्षणिक कार्य
रूचि
तमिल में कविता लिखना ,वेन्नई नामक वाद्य यंत्र बजाना ,कर्नाटक भक्ति संगीत सुनना
कलाम साहब की इस पूण्य तिथि पर समस्त भारत वासी शत -शत श्रद्धा -सुमन अर्पित करता है।
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