yahi hai zindagi-hindipoem
यही है ज़िन्दगी
बाहर नहीं ,भीतर रहना है ज़िन्दगी
बाहर जाने का नाम, मौत है
भीतर रहना है, ज़िन्दगी
संकल्प और संयम से रहना है ज़िन्दगी
मुश्किल के इस दौर में
दो गज की दूरी और मास्क है ज़रूरी
तमन्ना ,ख्वाइशें ,हसरतें तभी होगी पूरी
वरना …… ज़िन्दगी की कहानी
रह जाएगी अधूरी
न रहो नादान ,
हो जाओ सावधान
करोना बीमारी नहीं
यह तो है कोई हैवान
नहीं छोड़ रहा किसी को
बच्चा …… बूढा हो या जवान
संकल्प और संयम से रहना है ज़िन्दगी
बाहर नहीं भीतर, रहना है ज़िन्दगी
जुड़ा हुआ तेरे जीवन से
औरों का भी जीवन है
न खुद को मिटा
न औरों को मिटा
जी और जीने दे
इसी का नाम है ज़िन्दगी
बिगड़े हुए हालत को
बदलना है ज़िन्दगी
संकल्प और संयम से रहना है ज़िन्दगी
कोरोना से जंग
जीतना है ज़िन्दगी
बाहर नहीं भीतर ,रहना है ज़िन्दगी
संकल्प और संयम से रहना है ज़िन्दगी
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