Hindi Hindustani
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inspiration poem in hindi

June 20, 2016
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inspiration poem in hindi



Hindi Hindustaniहालात अपने बदलने आये थे  इस  शहर में
खोली दुकान कफ़न की
 तो लोगों ने मरना 
 छोड़ दिया 
खोली दूकान शराब की 
तो लोगों ने पीना  छोड़ दिया 
ज़िन्दगी की नाव को हमने  भी 

 खुदा  के भरोसे 

बे-पतवार  ही छोड़ दिया
थामा है जब से हाथ खुद का 
दुनिया की परवाह करना  छोड़ दिया 






Hindi Hindustaniबेवफा लोगों से वफ़ा की उम्मीद मत रखना 
देखो लुट जाओगे ,दरवाज़ा खुला  मत रखना 
खुदगर्जों की इस दुनिया में
 अपने को खुदा से  जुदा मत रखना 



Hindi Hindustaniजुल्मोसितम  दुनिया के सह जाउगा 
 ज़हर नफ़रत का सारा पी जाउगा 
ऐ खुदा  मेरे 
जो  सर पर तू   हाथ अपना रख  दे
मैं अकेला दुनिया से भिड़  जाउगा 

Hindi Hindustaniग़मों के बोझ तले  दब गयी है ज़िन्दगी
मौत को गले लगाने  निकल पड़ी है ज़िन्दगी 
खुदा की रज़ा  से पहले 
ज़िन्दगी को मौत से   मिलने न दूंगा 
खुदा की अमानत है ज़िन्दगी 
अमानत में खयानत होने ना दूंगा 



Hindi Hindustaniहम तो दरिया है ,अपना हुनर जानते है 

हम जहां से जाएंगे ,रास्ता हो जायेगा

 

हमें मंज़िलों की परवाह नहीं
जहां रुकेंगे वही मुकाम हो जायेगा





Hindi Hindustaniहालत के कदमों पर  कलंदर नहीं गिरता 

 

टूटे भी तो तारा ज़मीं पर नहीं गिरता 
गिरते है समंदर में बड़े शौक से दरिया में 
लेकिन किसी दरिया में समंदर नहीं गिरता 
 
 




Hindi Hindustaniसब कुछ मिल सकता है सच्ची गर चाह  हो 
लगाओ डुबकी समुंदर में ,तो मोती मिल जायेगा 
 कदम  चार और चलो, हिम्मत न हारो  तुम
 शायद इसी राह  पर  ही मुकाम मिल जायेगा 
 
 
 



Hindi Hindustaniअँधेरे से जंग का विचार बनाया है 

उम्मीदों को अपना हथियार बनाया है 
 हम सूरज में  गांव  तक पहुँच ही जाएंगे
 रोशनी को गर हम कटार  बनाया है 
पर्वतों को चीर आगे निकल जाएंगे 
ज़िन्दगी को यदि  धारदार  बनाया है 

 
 
 

 

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