inspiration poem in hindi
inspiration poem in hindi
inspiration poem in hindi
inspiration poem in hindi
हालात अपने बदलने आये थे इस शहर में
खोली दुकान कफ़न की
तो लोगों ने मरना
छोड़ दिया
खोली दूकान शराब की
तो लोगों ने पीना छोड़ दिया
ज़िन्दगी की नाव को हमने भी
बे-पतवार ही छोड़ दिया
थामा है जब से हाथ खुद का
दुनिया की परवाह करना छोड़ दिया
देखो लुट जाओगे ,दरवाज़ा खुला मत रखना
खुदगर्जों की इस दुनिया में
अपने को खुदा से जुदा मत रखना
ज़हर नफ़रत का सारा पी जाउगा
ऐ खुदा मेरे
जो सर पर तू हाथ अपना रख दे
मैं अकेला दुनिया से भिड़ जाउगा
मौत को गले लगाने निकल पड़ी है ज़िन्दगी
खुदा की रज़ा से पहले
ज़िन्दगी को मौत से मिलने न दूंगा
खुदा की अमानत है ज़िन्दगी
अमानत में खयानत होने ना दूंगा
जहां रुकेंगे वही मुकाम हो जायेगा
No Comments