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inspiration-motivational quotes in hindi

February 9, 2017
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inspiration-motivational quotes in hindi

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Hindi Hindustaniयदि कोई चूहा निडर घूम रहा है तो समझ लो आस-पास कोई बिल्ली नहीं है ,यदि कोई बिल्ली ज़मीन पर बेफिक्र बैठी है तो निश्चित है कि  बिल्ली ने जान लिया है कि  कुत्ता इस समय   क्रीड़ा में लगा हुआ है और यदि कुत्ता लगातार भौंक रहा है ,तो समझ लो कोई डंडा लेकर आस-पास नहीं खड़ा है।देश की अव्यवस्था का एक कारण यह भी  है।


यदि गंजे को तैल  और कंघा उपहार में दोगे तो दोनों ओर  से ही हानि है।


कुछ लोग हर पल एक नई ज़िन्दगी जीते है और कुछ लोग हर पल किश्तों -किश्तों में मरते है।


ताश के खेल में यदि कोई पत्ता काम का न हो तो उसे फेंक दिया जाता है। यदि हम अपनी वास्तविक ज़िन्दगी में भी ऐसा करने लगे ,तो  …..


हवाई महल में रहनेवाला ज़मीन के कंकर की चुभन भी बर्दाश्त नहीं कर पायेगा ,लेकिन ज़मीन पर बिछे काँटों पर चलनेवाला ,अवसर आने पर तलवार की धार पर नींद ले सकता है।

यदि आत्म-हत्या का पाप लेकर मरना नहीं चाहते हो तो अपने आप को चिंताओं से घेर लो ,मर भी जाओगे और आत्म -हत्या का पाप भी नहीं लगेगा।

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यदि  सुखमय जीवन जीने में आनंद नहीं आ रहा हो तो आय से ज्यादा खर्च करना शुरू कर दो और क़र्ज़ लेकर अपनी ज़रुरत पूरी करने को अपनी आदत बना लो।



ईश्वर  मनुष्य को नंगा इसलिए भेजता है ताकि मनुष्य जान ले कि यही  सच है किन्तु मनुष्य इस सच को बर्दाश्त नहीं कर पाता  और इस सच को कपडे से ढक  देता है।

भाग्य साहसियों को ही अपना मित्र बनाता है और उन्ही की मदद करता है।

विपत्ति एक आईना है ,जो बतलाता है कि  तुम क्या हो ?

हमने यदि कभी किसी के साथ कुछ भला किया हो तो उसे गुप्त रखो लेकिन किसी ने हमारा भला किया हो तो उसके बारे  में सबसे से कहो।

अपने से हार जानेवाला  कभी किसी से नहीं जीत सकता।

 

अवसर के  आने की न आहट  होती है , और न  ही  वह दरवाजे पर   दस्तक  देता है , अवसर  को पकड़ने  के लिए सदैव तत्पर  रहना पड़ता है। 
 


यदि किसी व्यक्ति की वास्तविक पहचान करना हो तो उसे किसी ऊँचे ओहदे पर बिठाकर उसे कुछ अधिकार दे दो ,कुछ ही दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी।

दरिद्रता और  सम्पन्ता  साथ – साथ निकलती है किन्तु  दरिद्रता आलसी  का घर देखकर   वही बस जाती  है  और सम्पनता  परिश्रमी  के घर मे चली जाती है ।

बिना सोचे बोलकर और कार्य के परिणाम को जाने बिना कार्य करनेवाला अपना परिचय स्वयं दे देता है कि  वह क्या है।

गुणहीन सुन्दर  को चुनने की अपेक्षा गुणवान कुरूप को चुनने में कहीं ज्यादा समझदारी है ,चाहे वह व्यक्ति हो या वस्तु।

प्रशंसा वह है जो दूसरे करे ,और उससे भी ज्यादा प्रशंसा वह है जब दुश्मन करे।

सच्चरित्र  लोग  दूसरों को दोषों  को आवृत  करने  का प्रयास  करते  है,किन्तु  धृष्ट  लोग  सच्चरित्रों  में  दोष ढूंढने  का प्रयास करता है। 

 

जिसकी वाणी  का माधुर्य  दूसरों  के ह्रदय  को सुवासित  कर देती है , उसका मुख  पुष्प  सदैव खिला रहता  है।  मृदुवाणी  ही मानव का वास्तविक  आभूषण  है ,शेष  सभी आभूषण  नकली है। 
 

अतिथि  देव तुल्य  है , अमृत जैसा  दुर्लभ पदार्थ  भी  अतिथि  के साथ सेवन करना चाहिए। 
 
कार्य  प्रारम्भ  करने  से पूर्व  उसके  सभी  संभावित परिणामो  पर  विचार  कर लेना चाहिए  अन्यथा  अपेक्षित  परिणाम  प्राप्त  न होने  पर लज्जित  होना पड़  सकता है। 
 
व्यर्थ  बैठने  से कही ज्यादा अच्छा  है, दृढ़ता  के साथ  प्रयास मे  जुटे  रहना।
 
विषयुक्त  शब्द  बाण  का उपचार  तो हो जाएगा किन्तु  अमिट  निशान जरूर  रहेगा। 
 
 
मूर्खो  की वार्तालाप  के मध्य चुप बैठना  ही बुद्धिमानी  है। 
 
 
भीतर से जिसके ह्रदय  की  गहराई  जितनी ज्यादा  होगी , बहार से उसकी प्रतिष्ठा  की ऊँचाई  उतनी ही ज्यादा होगी।
 

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