hindi short poems-5
हर बूँद अश्क नहीं होती है
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hindi short poems-5 हर बूँद अश्क नहीं होती है
हर बूँद अश्क नहीं होती है |
यू तो हर आँख यहाँ बहुत रोती है
हर बूँद मगर अश्क नहीं होती है
देखकर रो दे जो ज़माने का गम
उस आँख से गिरा हर अश्क
अश्क नहीं मोती होती है
कैप्शनकभी अल्फाज़ तो कभी ज़ुबाँ नहीं होती जोड़ें |
चाहने से कोई चीज़ अपनी नहीं होती है
सबकी अपनी-अपनी तक़दीर होती है
हर मुस्कराहट ख़ुशी नहीं होती है
बस एक नक़ली तस्वीर होती है
कहना तो चाहते है बहुत कुछ मगर
कभी अल्फाज़ तो कभी ज़ुबाँ नहीं होती है
इंतज़ार मत करना
अपनी चाहत का कभी इज़हार मत करना
ज़िन्दगी में कभी प्यार मत करना
हमने भी की थी यही गलती ज़ालिम
और उन्होंने कहा मेरा इंतज़ार मत करना
न जाने कब रात हो गयी
आँखों ही आँखों में बात हो गयी
दिल की तन्हाइयो से मुलाक़ात हो गयी
हम तो बस उन्हें देखते रह गए
न जाने कब रात हो गयी
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