१ जुलाई ,डॉक्टर्स डे पर विशेष

doctors day-dedicated to-bidhan chandra roy

भू -लोक के समस्त जीवन -रक्षक भगवान् रुपी डॉक्टर्स को शत -शत प्रणाम ,
यह तथ्य वे लोग बहुत सच्चाई और ईमानदारी के साथ कह सकते है ,जिन्होंने अपने डॉक्टर्स की कोशिशों से अपने किसी प्रियजन को खोते -खोते फिर से पाया हो। किसी गम्भीर बीमारी या दुर्घटना ग्रस्त हमारे परिजन को जब हम हॉस्पिटल में ले जाते है ,जिसके जीने की उम्मीद एक प्रतिशत और खोने की आशंका निन्यानवे प्रतिशत होती है,लेकिन डॉक्टर्स अपनी कोशिशों से हमारे प्रियजन को मौत के मुँह से निकाल कर निन्यानवे प्रतिशत आशंका को एक प्रतिशत में बदल कर हमें हमारा प्रियजन लौटा देते है।
उस दिन,उस पल हमें डॉक्टर्स आसमान से उतर कर आया भगवान् जैसा ही जान पड़ता है।
डॉक्टर्स डे के बहाने हम उस बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ.बिधान चन्द्र राय को याद करते है ,जिनके जन्म-दिन को हम डॉक्टर्स डे के रूप में मनाते है, जो पेशे से न सिर्फ सेवा-भावी चिकित्सक थे बल्कि आज़ादी के सिपाही और कुशल राजनीतिज्ञ भी थे।
आज यदि हम उस महान पुरुष के उन कामों को याद ना करे तो उस महान पुरुष के उन कामों के साथ कृतघ्नता होगी ,जो उसने देश और समाज के हित और विकास के लिए किये थे।
जिसने अपने उत्कृष्ट कार्यों से राष्ट्र,मानव और मानवता को एक नई दिशा और दशा दी। प्रत्येक भारतीय को ऐसे भारत रत्न के बारे में जानना चाहिए।
डा. बिधान चन्द्र राय का संक्षिप्त जीवन परिचय –

पारिवारिक पृष्ठभूमि –
जन्म –१ जुलाई १८८२
पाँच भाई-बहिनों में सबसे छोटे
जन्म स्थान -बांकीपुर /पटना /बिहार
पिता-प्रकाश चन्द्र राय /डिप्टी मजिस्ट्रेट /ब्रह्म-समाजी/उदार – धार्मिक प्रवृति/बंगाली परिवार
प्रारम्भिक अध्ययन -पटना /बिहार
चिकित्सियक़ अध्ययन -कोलकाता
आर्थिक स्तिथि ज्यादा अच्छी नहीं -आभाव और संघर्षों में पलकर बड़े हुए
डॉक्टर के रूप में योगदान -सेवाएं एवम उपलब्धि
मेडीकल डिग्री के बाद प्रान्तीय स्वास्थय सेवा में नौकरी और एम.डी का अध्ययन
१९०९ में उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए और एम.आर.सी.पी/एफ आर. सी एस की परीक्षा उत्तीर्ण कर १९११ में कोलकाता लौट आये
प्रारम्भ में अध्यापन कार्य किया बाद में स्वयं की प्रैक्टिस शुरू की
गरीबी और गरीबों की दुर्दशा देखकर उनकी सहायता को ही जीवन उद्देश्य बनाया
महिलाओं और बच्चों लिए चितरंजन सेवा -सदन खोला
डाक्टर ऑफ़ साइंस कांग्रेस की उपाधि से सम्मानित
विश्व प्रसिद्द डॉक्टर्स में गिनती
रॉयल सोसाइटी ऑफ़ मेडिसिन ,रॉयल सोसाइटी ऑफ़ ट्रापिकल मेडिसिन ,अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ चेस्ट फिजिशियन के फेलो चुने गए गए,
विभिंन मेडिकल इंस्टिट्यूट और विश्व विद्यालयों द्वारा सौपे गए दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वाह
कलकत्ता और इलाहबाद विश्व विद्यालयों द्वार डी. एस.सी.की उपाधि से सम्मानित
अकाल तथा अन्य लोकहितों के कार्य में यथाशक्ति दान देकर ह्रदय की उदारता एवं विशालता का परिचय
राजनितिक गतिविधियों में भागीदारी
१९२३ में राजनीति में प्रवेश –
राजनितिक क्षेत्र में कद्दावर नेता के रूप पहचान
कुशल नेतृत्व और योग्यता से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया
गांधीजी ,नेहरूजी, सुभाष चन्द्र बॉस ,चितरंजनदास जैसी तात्कालिक राजनितिक हस्तियों के संपर्क में रहे
बंगाल के मुख्य मंत्री बने
विवादस्प्रद राजनितिक मामलों में राजनितिक कुशलता एवं दूरदर्शिता का परिचय दिया
कार्य व निर्णय लेने , की अद्भुत क्षमता ,उत्तर-दायित्वों के प्रति उत्साह ,लगन ,निष्ठां और प्रबल इच्छा शक्ति
देश और समाज को उन्नत बनाने वाले कार्यों को प्रोत्साहन ही नहीं दिया बल्कि क्रियान्वित भी किया
आई आई टी खड़गपुर दामोदर घटी योजना ,दुर्गापुर इस्पात कारखाने की स्थापना में अहम भूमिका
मेडिकल साइंस की शिक्षा व्यवस्था और विज्ञानं ,कृषि ,मानविकी कला के विकास के लिए विश्व -विद्यालयों की स्थापनादेश और समाज को दी गयी सेवाओं के लिए १९६१ में सर्वोंच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया
देश और मानवता के लिए जिस विभूति ने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया हो ,ऐसे महा पुरुष का गरिमामय व्यक्तित्व न सिर्फ वर्तमान और भावी पीढ़ी के डॉक्टर्स और हम देश वासियों के लिए आदर्श स्थापित करता है बल्कि प्रेरणा की मशाल और मिसाल भी बनता है। ,डॉक्टर्स डे के रूप में ऐसे महा-पुरूष का जन्म-दिन मनाकर समस्त वासी -प्रवासी भारतीय उनके प्रति सम्मान प्रकट करता है।
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