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chanakya neeti-10 in hindi

December 14, 2016
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chanakya neeti-10 in hindi

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chanakya neeti-10 in hindi

चाणक्य -नीति -10 

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चाणक्य -नीति -१० 

Hindi Hindustaniजैसे नेत्रहीन के लिए दर्पण व्यर्थ है ,वैसे ही जिसकी स्वाभाविक बुद्धि न हो उसके लिए शास्त्रों का ज्ञान व्यर्थ है। 

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Hindi Hindustaniदुष्ट को सज्जन बनाने का कोई उपाय इस धरा पर नहीं।मल त्याग करनेवाली इन्द्रिय का कितना भी प्रक्षालन किया जाये ,वह अशुद्ध ही रहेगी। 

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Hindi Hindustaniआत्मा से द्वेष रखनेवाला मृत्यु को प्राप्त होता है ,शत्रु का विरोध करनेवाले को धन का क्षय होता है ,राजा से द्वेष नाश के परिणाम के रूप में सामने आता है और ब्राह्मण से किया गया द्वेष कुल के विनाश का कारण  बनता है। 

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Hindi Hindustaniयदि मनुष्य को हिंसक पशुओं के बीच  रहना पड़  जाये ,रह ले। पेड़ के नीचे रहना पड़े ,रह ले। पेड़ की पत्तियां कहकर गुजारा  करना पड़े  ,कर ले। तिनकों का बिस्तर  बनाकर सोना पड़े ,सो ले। तन ढकने के लिए पेड़ों की छाल पहनना पड़े ,पहन ले  किन्तु भाई -बन्धुओं  के बीच दींन -हीन तिरस्कृत होकर जीवन यापन करना कदापि श्रेष्ठ नहीं। 
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Hindi Hindustaniब्राह्मण वृक्ष तुल्य है ,ईश्वर भक्ति वृक्ष की जड़े  है ,वेद इसकी शाखाएं है ,धर्म और कर्म पल्लव है। जड़ों की रक्षा अनिवार्य है क्योकि जड़ों के न रहने पर ना शाखएँ रहेगी और ना पत्ते अतार्थ प्रभु स्मरण के बिना जीवन व्यर्थ है। 

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Hindi Hindustani  लक्ष्मी जिसकी माता है ,विष्णु जिसके पिता है , विष्णु के भक्त जिसके बांधव है ,ऐसे  मनुष्य के तीनों लोक तो उसके स्वदेश है। 
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Hindi Hindustaniरात्रि को एक ही पेड़ पर विभिन्न पक्षी आकर बैठ जाते है और सुबह होते ही दसों दिशाओं में उड़ जाते है। मिलना -बिछुड़ना तो नियति है ,इसका शोक क्यों किया जाये ?

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Hindi Hindustani  विद्या धन पाकर कोई  भी मनुष्य कभी हीन नहीं हो सकता किन्तु जिसके पास विद्या धन नहीं वह सभी प्रकार से हीन  है।


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 Hindi Hindustaniज़मीन पर पाँव देखकर रखे ,पानी छान कर पियें शास्त्रानुसार वाणी बोले ,और कोई भी कार्य करने से पूर्व भली -भांति विचार कर ले।

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Hindi Hindustaniसुख चाहनेवाले को कभी विद्या प्राप्त नहीं होती  और  विद्या चाहनेवाले को सुख प्राप्त नहीं होता अर्ताथ विद्या प्राप्ति के लिए सुख का परित्याग अनिवार्य शर्त है।
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Hindi Hindustaniस्त्री हठधर्मिता से कुछ भी कर सकती है ,विवेकशून्य कुछ भी बोल सकता है और कौआ कुछ भी खा सकता है अर्थात जिसे भले-बुरे का ज्ञान नहीं वह कुछ भी कर सकता है।

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Hindi Hindustaniविधाता का लेख अटल है ,जिसके भाग्य में जितना सुख लिखा है ,वह उतना ही सुख भोग सकेगा और जिसके भाग्य में जितना दुःख भोगना लिखा है ,उसे उतना दुःख भोगना ही पड़ेगा। विधि के लेख को मिटाया नहीं जा सकता।निश्चित अवसर पर राजा ,रंक  हो जाता है और रंक  राजा बन जाता है।

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Hindi Hindustaniलोभी को याचना करनेवाला मनुष्य शत्रु  समान  लगता है ,मूर्खों को सही शिक्षा देनेवाला शत्रु समान  लगता है ,व्यभिचारिणी स्त्री को सदवृत्ति वाला पुरुष शत्रु समान जान पड़ता है और चोर को चंद्रमा शत्रु समान जान पड़ता है अर्थात अभीष्ट में बाधा उत्पन्न करनेवाले कारक शत्रु के समान  लगते है।

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Hindi Hindustaniवे मनुष्य इस धरा पर भार  स्वरुप है और मृग के समान विचरण कर रहे है ,जिसमे विद्या गुण नहीं और ,ना तप  अर्थात त्याग की भावना तथा जिसमे  दान देने की उदारता नहीं। जिसमे ना कोई शील गुण  हो और ना धर्मानुसार जीवन यापन करता हो। ऐसे लोग मनुष्य जीवन पाकर भी पशुतुल्य  ही है।
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Hindi Hindustaniजैसे छलनी में पानी नहीं ठहरता ,वैसे ही मूर्ख   या अपात्र को ज्ञान देने का कोई लाभ नहीं। मलयाचल  की ओर से आनेवाली वायु बाँस को चन्दन की भांति सुगन्धित नहीं बना सकती।

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Hindi Hindustaniबुद्धि ही बल है। बुद्धि बल से भुज बल वाले को भी नष्ट किया जा सकता है।

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Hindi Hindustaniजीवन की चिंता क्यों करें ?श्री हरी सबके पालनहार है। ऐसा ना होता तो बच्चे को जीवन देने के लिए माता के स्तन में दूध कैसे बनाते ?यही  विचारकर मैं श्री हरी के चरणोंकी सेवा में जीवन व्यतीत करता हूँ।
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Hindi Hindustaniयद्यपि संस्कृत भाषा में ही विशेष ज्ञान है किन्तु अन्य भाषा का भी मैं रसिक हूँ। जैसे अमृत का पानकर भी देवता अप्सराओं के अधरों का रस पीने के लिए आकुल रहते है।

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Hindi Hindustaniआटे  में अन्न से दस गुना और  ,दूध में आटे से गुना ज्यादा शक्ति होती है। मांस में दूध से आठ गुना और घी में मॉस से आठ गुना शक्ति होती है। जब घी इतना श्रेष्ठ है तो फिर क्यों  भोजन के लिए एक मूक -निर्दोष पशु  की हत्या की  जाती है। 

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