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अधिनायक, रघुवीर सहाय
10 अधिनायक
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न .रघुवीर सहाय आधुनिक काल के कवि हैं
प्रश्न .पाठ्यपुस्तक में रघुवीर सहाय की संकलित ‘अधिनायक’ समकालीन राजनीति पर व्यंग्य कविता। है
प्रश्न . कवि ने सत्ताधारी वर्ग को व्यंग्य में अधिनायक कहा है
प्रश्न 4.हरचरना आम आदमी का प्रतीक है
पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न 1.हरचरना कौन है उसकी क्या पहचान है
उत्तर- ‘अधिनायक’ कविता में हरचरना आम आदमी का प्रतीक है। यद्यपि कविता में कवि ने उसे विद्यालय के एक गरीब छात्र के रूप में प्रस्तुत किया है किन्तु उसकी साड़ी गतिविधियाँ और स्थितियां देश के आम जन का प्रतिनिधित्व करती है .राष्ट्रीय पर्व पर झंडा फहराए जाने पर वह सारे उपक्रम करता है किन्तु उसे यह पता नहीं कि वह ऐसा क्यों कर रहा है .यह स्थिति एक हर चरण की नहीं बल्कि रोजी-रोटी के संघर्ष करते हुए जीवन जीने वाले की स्थिति है .राज नेता और राजनीतिक दल के लिए वह सिर्फ एक वोटर है .
प्रश्न 2.हरचरना ‘हरिचरण’ का तद्भव रूप है। कवि ने कविता में ‘हरचरना’ को रखा है, हरिचरण को नहीं, क्यों
उत्तर-‘हरचरना’ हरिचरण का तद्भव रूप है। कवि रघुवीर सहाय ने अपनी कविता ‘अधिनायक’ में ‘हरचरना’ शब्द का प्रयोग किया है, ‘हरिचरण नहीं। कवि ने हरिचरण के स्थान पर अपभ्रंश –हर चरना का प्रयोग पाठकों को समाज के दलित ,पीड़ित और पिछड़े वर्ग की स्थिति का अनुभव करने के उद्देश्य से किया है .कविता में हरचरना शब्द दलित ,पीड़ित और पिछड़े वर्ग का प्रतीकार्थक रूप में प्रस्तुत किया गया है .
प्रश्न 3.अधिनायक कौन है उसकी क्या पहचान है।
उत्तर- राज नेता जनता के वोटो से चुना गया जनता का प्रतिनिधि है ,देश और देश की जनता के वह उत्तरदायी है ,देश और की जनता की सेवा उसका धर्म है किन्तु वास्तविकता इसके बिलकुल विपरीत है . देश की राजनीति में राजनेता सेवक के स्थान पर देश के अधिनायक बन बैठे है .देश और जनता के पैसों से राजसी ठाट- बाट से रहते हैं।तानाशाहों की तरह अपने प्रभाव से सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग करते हुए अपना यशोगान उसी जनता से करवाते है जिनके वोटों से वह जन प्रतिनिधि बनता है ,राजनेता जो कभी राष्ट्र भक्त के रूप में पहचाने जाते थे ,आज राष्ट्र के अधिनायक के रूप में ( व्यंग्यात्मक रूप में ) पहचाने जाते है
प्रश्न 4.‘जय-जय कराना’ का क्या अर्थ है
उत्तर- राजनेता जनता के वोटो से चुना गया जनता का प्रतिनिधि है ,देश और देश की जनता के वह उत्तरदायी है ,देश और की जनता की सेवा उसका धर्म है किन्तु वास्तविकता इसके बिलकुल विपरीत है . देश की राजनीति में राजनेता सेवक के स्थान पर देश के अधिनायक बन बैठे है .राष्ट्रीय पर्व पर पैसे देकर भीड़ इक्कठा करते है और भीड़ से अपने प्रभाव का प्रयोग कर अपने को उनका भाग्य विधाता मानते हुए अपनी जय जयकार के नारे लगवाते है ,इस तरह जैसे राज तंत्र के ज़माने के किसी रियासत के शासक हो .
प्रश्न 5.‘डरा हुआ मन बेमन जिसका ध्बाजा रोज बजाता है, यहाँ ‘बेमन’ का क्या अर्थ है
उत्तर-बेमन का अर्थ होता है –स्वयं की इच्छा न होते हुए भी किसी कार्य को करना .कविता के अर्थ में बेमन से गाने का अर्थ है कि देश में रोटी ,कपडा और मकान के लिए संघर्ष करते हुए जीने वाले लोगों के लिए राष्ट्रीय गान का कोई महत्त्व नहीं ,न उसकी अपनी कोई व्यक्तिगत रूचि है .वह आज़ादी के बाद से ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रगान होते हुए देखता आ रहा है ,वह तो भीड़ को ऐसा करते देखकर स्वयं भी भीड़ का हिस्सा बन जाता है, अर्थात अरुचि से चली आ रही परंपरा का निर्वहन कर रहा है .
प्रश्न 6.हरचरना अधिनायक के गुण क्यों गाता है उसके डर के क्या कारण हैं
उत्तर-हरचरना अधिनायक के गुण दर के कारण गाता है .सब छात्रों को ऐसा करने के लिए कहा गया .हरचरना इसे स्कूल का नियम समझता है .यदि उसने ऐसा नहीं किया तो स्कूल के मास्टरजी सजा दे सकते है ,इस भय से वह राष्ट्रगान का महत्त्व जाने बिना राष्ट्रगान गाता है ,यह एक प्रीकर्थक है ,दरअसल यह देश के उन निर्धन लोगों की सच्चाई को दर्शाता है जो न गुलामी का अर्थ जानते और न आज़ादी का .आजाद देश में उनकी स्थिति गुलाम जैसी ही है .अनपढ़ और निर्धन होने के कारण उसे लगता है कि ऐसा न करने पर उसे सजा मिल सकती है .कवि ने संकेत दिया है कि देश स्वतंत्र है ,देश में लोकतान्त्रिक व्यवस्था है किन्तु राजनेताओंऔर जनप्रतिनिधियों का व्यवहार आज भी स्वतंत्रता पूर्व के सामंत ,साहूकार ,महाजन और ज़मीदारों जैसा है .निर्धन और कमज़ोर ताकतवर से कल भी भयभीत था और आज भी है अर्थात निर्धन की स्थिति आज भी यथावत है .
प्रश्न 7.‘बाजाबजाना’ का क्या अर्थ है
उत्तर-कविता की मूल संवेदना के अर्थ में बाजा बजाना का अर्थ राजनेताओं और जन प्रतिनिधियों द्वारा देश के अनपढ़ और निर्धन मज़दूर और किसान का प्रयोग अपने राजनितिक लाभ के लिए किये जाने से है .
प्रश्न 8.“कौन है वह जन-गण-मन अधिनायक वह महाबली” कवि यहाँ किसकी पहचान कराना चाहता है
उत्तर-.“कौन है वह जन-गण-मन अधिनायक वह महाबली” इन पंक्तियों के माध्यम कवि यहाँ राज नेताओं और जन प्रतिनिधियों की पहचान कराना चाहता है . स्वतंत्रता पूर्व जो व्यवहार और आचरण सामंत ,साहूकार ,महाजन और ज़मीदारों का हुआ करता था स्वतंत्रता पश्चात् वही व्यवहार और आचरण वर्तमान राज नेताओं और जन प्रतिनिधियों का है .
प्रश्न 9.“कौन-कौन” में पुनरुक्ति है। कवि ने यह प्रयोग किसलिए किया है
उत्तर-कौन –कौन के माध्यम से कवि ने स्वतंत्रता पश्चात् भी अनपढ़-निर्धन मज़दूर-किसान का शोषण करनेवाले रसूखदारों के लिए किया है , पूंजीपति ,उद्योगपति,बड़े-बड़े खेत व ज़मीन मालिक और राजनीति में अपना प्रभाव रखनेवाले अपने-अपने तरीकें से अनपढ़-निर्धन मज़दूर-किसान के साथ अन्याय कर रहे है .
प्रश्न 10.भारत के राष्ट्रगीत ‘जन-गण-मन अधियानक जय हे’ से इस कविता का क्या संबंध है वर्णन करें।
उत्तर-देश के जिस जन से गण तंत्र को पहचान मिलती है ,वह जन हाशिये में चला गया है और गण ने जिसे अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनकर गणतंत्र सञ्चालन का दायित्व सौपा ,वे सब बाहुबली बन गए .ऐसे जन प्रतिनिधि राजसत्ता पाकर न सिर्फ राजसी सुख भोग रहे है बल्कि तानाशाह होकर भी अपने आपको अधिनायक के रूप में प्रतितिष्ठ कर लिया है .राष्ट्रगान की आड़ में सत्ताधारी जनता से अपना ही गुणगान करवाते है .राष्ट्रगान सुनकर सत्ताधारी यह समझते है कि देश की जनता उन्हें राष्ट्र नायक मनाकर उनका गुणगान कर रही है .
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