bhimrao ambedakar-qoutes
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के सूत्र वाक्य
स्वतंत्रता एवं मानवाधिकार किसी को उपहार के रूप में नहीं मिलते ,इसे पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है
जब मुझे लगेगा कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है, तो सबसे पहले मै इसे जलाऊंगा
अपनी दासता स्वयं मिटानी है। शिक्षा ,संगठन और संघर्ष इसके मूल मन्त्र है
दिमाग का विकास मानव अस्तित्व का परम लक्ष्य होना चाहिए
जो व्यक्ति अपनी मौत को याद रखता है ,वह सदा अच्छे कार्य करता है
मुझे साहित्यकारों से अपनी सारी शक्ति लगाकर कहना है कि ….. अपनी लेखनी का प्रकाश अपने आँगन में ही ना रोक ले ,उसका तेज़ गॉव -गॉव के गहन अंधकार को दूर करने के लिए फ़ैलाने दे
उदासीनता लोगो को प्रभावित करनेवाली सबसे ख़राब किस्म की बीमारी है
प्रत्येक नागरिक अपने आप को सबसे पहले और अंत में भारतीय समझे ताकि राष्ट्रिय एकता कायम रह सकें
जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए
यदि हम लोग अपनी एक सामान्य संस्कृति को सुरक्षित रखना चाहते है तो हम सब लोगों का कर्तव्य है कि हम हिंदी को अपने राष्ट्र की एक राज्य भाषा माने
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते तब तक कानूनी स्वतंत्रता का कोई मूल्य नहीं
स्वाद बदला जा सकता है किन्तु ज़हर को अमृत नहीं बनाया जा सकता
मै रात -रात भर इसलिए जगाता हूँ क्योकि मेरा समाज सो रहा है
अच्छा दिखने के लिए नहीं बल्कि अच्छाबनने के लिए जिओ
प्रजातंत्र केवल सरकार का रूप नहीं है ,यह मुख्यत:यह एक संगठित रूप से रहन – सहन का ढंग है। यह अनिवार्यत:अपने साथ रहने वाले मनुष्यों के प्रति मान -सम्मान करने का एक ढंग है
इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वह सिर्फ समाज के विकास के लिए पैदा नहीं हुआ ,बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है
हमारा महान कर्तव्य है कि हम प्रजातंत्र को जीवन संबंधों के मुख्य सिंद्धान्तों के रूप में समाप्त होता हुआ ना देखे। हम प्रजातंत्र में विश्वास करते है तो इसके प्रति सच्चा ,वफादार और ईमानदार होना चाहिए
जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती ,वह अपना इतिहास नहीं बदल सकती
यदि आप पूछते है कि मेरा आदर्श समाज कैसा होगा तो मेरा आदर्श समाज वह होगा जो स्वतंत्रता ,समता और भ्रातत्व पर आधारित होगा।
जिस तरह एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता ,वैसे ही एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता
सच्चा धर्म वही है जो स्वतंत्रता ,समानता और भाईचारा सिखाता हो
जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीचे दिखाए ,वह धर्म नहीं बल्कि दूसरे को गुलाम बनाने का षडयंत्र है
भाग्य से ज्यादा ,अपने आप पर विश्वास करों
प्रत्येक व्यक्ति का मूल्यांकन उसके जन्म के आधार पर नहीं ,उसके गुण के आधार पर होना चाहिए
धर्म सदाचार है ,जिसका अर्थ है जीवन के सभी क्षेत्रों में मानव मानव के बीच शुभ सम्बन्ध हो
समता काल्पनिक जगत की वस्तु है
व्यक्ति के जीवन का आधार है -ज्ञान। महिलाओं के लिए शिक्षा उतनी ही आवश्यक है जीतनी पुरुष के लिए
मन की स्वतंत्रता ही वास्तविक स्वतंत्रता है
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