Hindi Hindustani
social

विवाह की रस्म: स्तंभरोपण की महत्ता

June 22, 2025
Spread the love

जब बात शादी की होती है, तो रस्मों की भरमार होती है। इनमें एक खास रस्म है – स्तंभरोपण। सुनने में भले ही थोड़ी पुरानी लगे, लेकिन इसका अपना एक अलग ही रुतबा है। यह हरे बांस के मंडप से शुरू होती है। हरे बांस को देख न जाने कितनी यादें ताजा हो जाती हैं।

Hindi Hindustani

स्तंभरोपण की प्रक्रिया

स्तंभरोपण की प्रक्रिया

अब ज़रा कल्पना कीजिए, मंडप का दक्षिण पश्चिम कोना, जिसे नैऋत्य कोण कहा जाता है, वहां कुछ सिक्के, तेल, मूंग और सुपारी डालकर बांस स्थापित किया जाता है। विद्वानों का कहना है कि बांस के ऊपर क्षेत्रपाल भैरव का पूजन करना चाहिए। और हां, बांस के ऊपर मिट्टी का कलश और लाल वस्त्र बांधना न भूलें।

जो लोग कन्यादान के लिए व्रत रखते हैं, उन्हें स्तंभ का पूजन करना चाहिए। यही स्तंभ मंडप की रीढ़ होता है। मंडप की सुरक्षा का भार इस पर होता है। इस रस्म का महत्व इसीलिए बहुत खास है।

मंडप की संरचना और उसका धार्मिक महत्व

Hindi Hindustani

मंडप में पांच खम्भे होते हैं। आप सोचेंगे, पांच ही क्यों? क्योंकि पांच का अंक बड़ा शुभ होता है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी इसका जिक्र है। चार दिशाएं और मध्य भाग मिलकर पांच बनते हैं। केले और बांस को स्तंभ के रूप में इसलिए चुना गया है क्योंकि इनका अपना धार्मिक महत्व है।

श्री विष्णु का निवास केले के वृक्ष में माना जाता है, और बांस तो वंशवृद्धि का प्रतीक है। बांस की खासियत यह है कि चाहे कितनी भी आंधी-तूफान आए, यह जड़ से हिलता नहीं।

किसी ने कहा है, “गरीब हो या अमीर, विवाह मंडप का निर्माण बांस और सरपत से ही किया जाता है।” यह वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है।

मंडप में अन्य सामग्री का महत्व

अब बात आती है मंडप के अन्य सामान की। चाकी और लोढ़ा गृहस्थी की समृद्धि का प्रतीक हैं। चूल्हा, जो हमें खाना पकाकर देता है, उसका भी अपना महत्व है। कलश की स्थापना देवताओं के स्वागत के लिए होती है। कलश के सामने पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रहने का संकल्प लेते हैं।

श्री पाठक ने बताया कि आजकल कृत्रिम मंडप का चलन बढ़ गया है। लेकिन असली मजा तो असली मंडप में ही आता है। शुभ लग्न का महत्व भी उन्होंने विस्तार से बताया।

No Comments

    Leave a Reply

    error: Content is protected !!
    error: Alert: Content is protected !!