quotes on valentine day in hindi
quotes on valentine day in hindi
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे पर विशेष
पोथि पढ़ि – पढ़ि जग मुआ ,पंडित भयों ना कोई
ढाई आखर प्रेम का ,पढ़ै सो पंडित होय -कबीर
मैं तुम्हे नई आज्ञा देता हूँ कि तुम परस्पर एक दूसरे से प्रेम करो -बाइबिल
परमात्मा प्रार्थना का नहीं ,प्रेम का भूखा है -दयानद सरस्वती
प्रेम के अतिरिक्त तू और ईश्वर को ना मान -मूसा
प्रेम करनेवाला पडोसी दूर रहनेवाले भाई से कहीं ज्यादा अच्छा है -चाणक्य
दूसरों से प्रेम करना स्वयं अपने साथ प्रेम करने के तुल्य है -इमर्सन
संसार को प्रेम से अधीन किया जा सकता है ,युद्ध से नहीं -हीगेल
प्रेम के पथ पर कायर नहीं चल सकते। प्रेम का अनुमोदन बलिदानी ही कर सकते है-जय शंकर प्रसाद
प्रेम ही स्वर्ग का मार्ग है और मनुष्यता का दूसरा नाम। समस्त प्राणियों से प्रेम करना ही सच्ची मनुष्यता है -गौतम बुद्ध
व्यक्ति प्रेम देता है ,लेता नहीं – कृपा शंकर शास्त्री
प्रेम आँखों से नहीं मन से देखता है -शेक्सपीयर
एक दूसरे से ऐसे प्रेम करो,जैसे गाय अपने बछड़े से कराती है -अथर्ववेद
प्रेम की कोई जाति नहीं ,कोई धर्म नहीं ,कोई भाषा नहीं ,विचार -विवेक और अच्छाई -बुराई का भी ज्ञान नही -शरत चंद्र
प्रेम और वासना में उतना ही अंतर है जितना कंचन और काँच में -प्रेमचन्द
प्रेम वह हथियार है ,जिसका वार कभी खली नहीं जाता -गुरु रामदास
प्रेम में हम सब समान रूप से मूर्ख है -गेटे
ज्ञान के शीतल प्रकाश में प्रेम का पौधा कभी नहीं उगता -कांट
प्रेम आत्मा से होता है ,देह से नहीं -भगवती चरण वर्मा
प्रेम ईश्वर का सर्वश्रेष्ठ वरदान है -वाल्टेयर
प्रेम स्थान और समय की सीमा से पर है ,प्रेम निरंकुश है -विवेकानन्द
प्रेम की सत्ता असीम है ,जिसमे सारे जीवों का कल्याण निहित है –विवेकानन्द
प्रेम का स्पर्श पाकर हर कोई कवी बन सकता है -अफलातू
जो प्रेम से नहीं सुधर सकता ,वह किसी से भी नहीं सुधर सकता -सुकरात
प्रेम कभी दावा नहीं करता ,वह हमेशा देता है -महात्मा गाँधी
मनुष्य को अपनी ओर खींचने वाला यदि दुनिया कोई है तो वह है प्रेम -महात्मा गाँधी
प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से भी हज़ार गुना प्रभावशाली और स्थायी होती है – -महात्मा गाँधी
प्रेम करनेवाला व्यक्ति कभी उद्दंड ,अत्याचारी और स्वार्थी नहीं हो सकता –महात्मा गाँधी
इष्ट -मित्रों से प्रेमपूर्वक मिलना ,उन्हें भोजन के लिए आमन्त्रित करना ,स्नेह और प्रेम बढ़ानेवाला है -हज़रत मुहम्मद
जो प्रेम अपने नित्य नवीन नहीं रखता ,वह पहले आदत करूप धारण कर लेता है और दासता में परिवर्तित हो जाता है -खलील ज़िब्रान
प्रेम के बिना जीवन एक ऐसे पेड़ के समान है ,जिस पर ना कोई फूल हो और ना कोई फल। -खलील ज़िब्रान
खूब किया मैंने प्रेम दुनिया से और दुनिया ने मुझसे। तभी तो मेरी सब मुस्कराहटे उनके होठो पर थी और उनके सब आंसू मेरी आँखों में -खलील ज़िब्रान
विशुद्ध प्रेम स्वार्थलिप्त नहीं होता -अज्ञात
प्रेम में अनुरक्त व्यक्ति कभी किसी पर अत्याचार नहीं कर सकता -विनोबा भावे
प्रेम के दो लक्षण है -पहले बाहरी संसार को भूल जाना और दूसरा अपने आप को भी भूल जाना
प्रेम सब अपराधों को क्षमा कर देता है -बाइबिल
दंड देने का अधिकार केवल उन्ही को है जो प्रेम करते है -रवींद्र नाथ ठाकुर
प्रेम परमार्थ है ,जहाँ स्वार्थ है वह प्रेम नहीं -अज्ञात
कभी किसी से अत्यधिक प्रेम भी ना करो और सर्वथा प्रेम का आभाव भी ना रहने दो ,क्योकि दोनों में ही दोष है ,अतः मध्यम स्तिथि ही श्रेष्ठ है -वाल्मीकि रामायण
प्रेम में वह जुनून और त्याग हैभाव है ,जो दुर्जन को भी सज्जन बना दे -हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
प्रेम ही वह दिव्य आकर्षण है जो मृत्य को दिव्य और क्षुद्र को विराट बनाता है -जैनेंद्र
प्रेम में मग्न व्यक्ति के पास कुछ हो तब भी और कुछ न हो तब भी मस्त रहता है। ऐसा व्यक्ति संसार के अधीन नहीं बल्कि संसार उसके अधीन रहता है -स्वामी रामतीर्थ
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