quotes on nation in hindi

quotes on nation in hindi
राष्ट्र -चिंतन

राष्ट्र -चिंतन
मुझे दुःख है कि मैं केवल एक ही बार जीवन को अपने देश पर बलिदान कर सका -नाथन हेल
सच्चा राष्ट्र भक्त वह जो स्वयं के लिए कम और राष्ट्र के लिए ज्यादा छटपटाता हो –माधव पं. गोलवलक
जिस देश के नागरिको का देश की मिटटी से आत्मीय लगाव नहीं ,वह राष्ट्र नहीं एक भूखंड है ,जहाँ मनुष्यों का समुदाय रहता है। –अज्ञात
यह धरती मेरी माता है और मै इसका पुत्र हूँ ,इस भावना से परिपूर्ण नागरिकों का देश हमेशा सुरक्षित रहेगा –अज्ञात
जिस देश की धरती पर जन्म लेकर ,उस देश का अन्न खाकर ,पानी पीकर ज़िंदा रहने वाले के भीतर उस राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता नहीं ,वह पशु से भी बदतर है,उसे देश द्रोही या गद्दार कहने की आवश्यकता ही नहीं –अज्ञात
राष्ट्र मनुष्य को पहचान देता है,राष्ट्र के बिना मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं -अज्ञात

एक हज़ार वर्ष में कठिनाई से एक राष्ट्र बन पता है किन्तु राष्ट्रीयता की भावना समाप्त हो जाये तो घंटे भर में समाप्त भी सकता है –बायरन
बिना कष्ट सहन किये ,मैत्री भाव रखे सरल जीवन के राष्ट्रवाद एक जीवंत शक्ति नहीं बन सकता –गोपाल कृष्ण गोखले
जातियां व्यक्तियों से बनती है किन्तु राष्ट्र का निर्माण समुदायों के द्वारा ही होता है –डिजरायली
हमारे राष्ट्रीय रक्त में एक प्रकार का भयानक रोग का बीज उत्पन्न हो गया है और वह है प्रत्येक विषय को हंसी में उदा देना। आलस्य और स्वार्थ के कारण जीवन को गंभीरता से नहीं लेना ,यह लापरवाही देश के पतन का कारण बन सकती है। राष्ट्र उत्थान के लिए व्यक्तिगत सुख-स्वार्थ और आलस्य का पूर्ण रूपेण त्याग करो –स्वामी विवेकानंद
आज का बालक ही कल का नागरिक है और देश की स्वतन्त्रता ककी रक्षा एवं उन्नति का भर उसी के कन्धों पर पड़ेगा ,अतएवं माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों का विकास इस ढंग से करें कि समय आने पर वे राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का निर्वाह कर सकें – गोविन्द वल्लभ पन्त
जनसँख्या की अधिकता या अन्य राज्यों को हड़प कर कोई भी राष्ट्र शक्तिशाली नहीं हो सकता –रस्किन
व्यक्तिवाद अधर्म है। राष्ट्र हित के लिए जो भी बन पड़े ,वह करना धर्म है –जय प्रकाश नारायण
किसी भी राष्ट्र का पतन आध्यात्मिक पतन के कारण ही हो सकता है –स्वामी रामतीर्थ
राष्ट्र की धरोहर ,पूँजी ,साधन ,और स्थल सभी के हम केवल माली है मालिक कभी नहीं बन सकते। ईश्वर ने हमें इसकी देखभाल के चुना है ,स्वामित्व के लिए नहीं – महात्मा गाँधी
राष्ट्र का पुनर्निर्माण उसके आदर्शों के बिना संभव नहीं –भगिनी निवेदिता
राष्ट्रीयता की सबसे बड़ी परीक्षा तो आखिर एहि है कि हम उस समूह के हित ,जिसे हम राष्ट्र कहते है। बिल्कुल इस तरह देखे मनो हमारा अपना ही व्यक्तिगत हित हो –महात्मा गाँधी
राष्ट्र को जोश ,उत्साह , सद्भावना और शील की जितनी आवश्यकता है, उतनी ही विवेक ,धैर्य और दूरदर्शिता की भी –हरी कृष्ण प्रेमी
जो देश की सच्ची सेवा करता है ,उसे पुरखों की आवश्यकता नहीं –वाल्टेयर
कितनी भी राजनीतिक स्वतन्त्रता क्यों न हो ,वह भूखी जनता को कभी संतुष्ठ नहीं कर सकती –लेनिन
राष्ट्रीयता के मायने है कि देश भर में एकता हो ,देश भर में सब लोग अपने को एक परिवार समझे ,चाहे धर्म कोई भी हो ,सब अपने को एक परिवार समझे –जवाहर लाल नेहरू
सम्पूर्ण समाज का पूर्ण संतुलित और सुव्यवस्थित निर्माण लोकतन्त्रीय समाजवाद में ही है -जय प्रकाश नारायण
जब मेरे बच्चे बड़े हो तो उन्हें समझ देना कि मुझे अपने देश से कितना प्रेम था –मेनोटी
विरोध किसी भी बात पर हो सकता है लेकिन विद्रोह वास्तव में धार्मिक और राजनीतिक होते है –मार्टिन लूथर
जिन्होंने राष्ट्र का निर्माण किया उनकी कीर्ति अमर हो गई –प्रेमचंद
पृथ्वी ही मेरा देश है ,सम्पूर्ण मानव जाती ही मेरी बंधु है और भलाई करना ही मेरा धर्म है –थामस पेन








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