quotes of swami vivekanand
swami vivekanand
स्वामी विवेकानन्दजी के प्रेरक कथन
जन्म दिवस पर विशेष
स्वामी विवेकानन्दजी के प्रेरक कथन
यदि आपकोअपने आप पर विश्वास नहीं ,तो आप ईश्वर पर भी विश्वास नहीं कर सकते।
एक समय में एक काम करो ,और सब भूल जाओ ,उसी एक काम में अपनी आत्मा डाल दो।
आवश्यक नहीं कि रिश्ते संख्यां में ज्यादा हो। रिश्ते भले ही कम हो , किन्तु उनमे जीवन हो।
नायक बनो और निर्भीक होकर कहो -मुझे कोई भय नहीं।
सब कुछ खो देने से ज्यादा बुरा है -उम्मीद को खो देना। उम्मीद के भरोसे हम खोये हुए को फिर से पा सकते है किन्तु उम्मीद ही खो दी तो फिर कुछ नहीं पाया जा सकता।
अपना जीवन एक लक्ष्य पर केंद्रित करो। अपने पूरे शरीर को उस लक्ष्य से भर लो और अन्य सभी विचारों को निकल कर फेंक दो। यही सफलता का मन्त्र है।
मनुष्य को कर्म करते रहना चाहिए ,दुनिया परिहास करें या तिरस्कार ,परवाह मत करों।
अपने स्वाभाव के प्रति ईमानदार होना ही सबसे बड़ा धर्म है।
असंभव से आगे निकल जाना ही संभव को जानने का एक मात्र उपाय है।
दिन में कम से कम एक बार अपने आप से स्ववार्ता अवश्य करें अन्यथा आप दुनिया के एक श्रेष्ठ मनुष्य के साथ एक बैठक गवां देंगे।
किसी मक़सद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह ,गिरो तो एक बीज की तरह ,ताकि फिर से उसी मक़सद के लिए उठ खड़े हो सको ।
जो अग्नि गर्मी दे सकती है ,वह जला भी सकती है लेकिन इसके लिए दोष अग्नि का नहीं दिया सकता ।
सभी कुविचार छोड़कर सिर्फ और सिर्फ एक ही विचार को अपना लक्ष्य बना लो और उसी के बारे में विचार करों ,सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।
यदि आपके सामने कोई समस्या या कठिनाई न आये तो समझ लेना चाहिए कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हो।
सभी नदिया एक ही समुंद्र में जाकर समां जाती है ,उसी प्रकार मनुष्य के द्वारा चुना गया मार्ग उसे ईश्वर तक ले जाता है।
समस्त शक्तियां मनुष्य में अन्तर्निहित है ,वह जो चाहे कर सकता है।
ब्रह्मांड की समस्त शक्तियां मनुष्य में अन्तर्निहित है ,वह हम ही है जो अपनी आँखें मूँद लेते है और फिर विलाप करते है कि कितना अंधकार है।
साहसी अकेला ही उस महान लक्ष्य को प्राप्त कर सकता जिसे बहुत सारे मिलकर भी प्राप्त नहीं कर सकते।
हम वही है जो हमें हमारी सोच ने बनाया है ,इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि हम क्या सोचते है। शब्द गौण है ,विचार प्रमुख है।
कंभी किसी की निंदा ना करें। यदि आपके हाथ किसी की सहायता के बढ़ सकते है तो ज़रूर बढ़ाइये और यदि नहीं तो ,अपने हाथ जोड़कर अपने भाइयों को उन्हें उनके मार्ग पर जाने का आशीर्वाद दीजिये।
शक्ति जीवन है ,निर्बलता मृत्यु है। जीवन विस्तार है और मृत्यु संकुचन है। प्रेम जीवन है और द्वेष मृत्यु।
उठो .. जागो …. और तब तक मत रुको ,जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये।
No Comments