रात को सोने के बाद जब हम सुबह जागते है ,तब समझिये यह आपकी ज़िन्दगी की किताब का नया अध्याय है .नए अध्याय में घटित होने वाली घटना सुखद होगी अथवा दुखद यह तो अध्यन के बाद ही पता चलता है .इसीप्रकार आज का दिन अच्छा बीतेगा या बुरा यह तो आज की तारिख बदलने पर पता चलेगा .लेकिन यकीन मानिये जो भी घटित होगा –वह जीवन का एक नया अनुभव होगा .
विक्टर कियाम ने कहा है – “यदि आप अपने मूँह के बल भी गिरते हैं, तब भी आप आगे ही बढ़ रहे हैं।”
कैसे यह गिरना हमें बताएगा हम क्यों गिरे …कैसे गिरे ….अब कैसे उठाना है …और अब आगे क्या करना है और क्या नहीं .
याद रखिये ज़िन्दगी में यदि बुरा दौर आता भी है ,तो स्थायी नहीं होगा …सूरज ढलने के बाद जब रात आती है तो इसका यह कदापि मतलब नहीं कि रात ने स्थायी बसेरा कर लिया है ..सुबह होते ही यह रात अपना बोरिया-बिस्तर लेकर चली जाती है . डॉ. रॉबर्ट शुल्लर ने इस सम्बन्ध में कहा है “कठिन समय अधिक देर तक नहीं रहता, लेकिन कठोर लोग रहते हैं।”
विश्राम के बाद आज नई सुबह के साथ जब हम जीवन सफ़र पर आगे बढ़ेंगे तो यह अपेक्षा न कीजियेगा कि रास्ते में मखमली कालीन बिछी हुई मिलेंगी .उबड़-खाबड़ ..कंकरीले कंटीले रास्ते भी मिलेंगे .ठोकर भी लग सकती है और गिर भी सकते है .यह ठोकर और गिरना भी एक पाठ है ज़िन्दगी की किताब का . – चार्ल्स एफ केटरिंग-“चलते हुए तुम्हारे ठोकर खाने की संभावना है, कभी-कभी तो तब, जब शायद तुम्हें इसकी उम्मीद भी नहीं होगी। मैंने कभी बैठे हुए आदमी को ठोकर खाते नहीं सुना।” लेकिन हमें चाहिए कि गिरनेया ठोकर लगाने का मातम मनाने के बजाय – जॉन वुडन के कथनानुसार “प्रत्येक दिन को अपनी उत्कृष्ट कृति बनाएं।”
जीवन पथ चलते हुए हम थकेंगे भी , स्वाभाविक है .थोडा विश्राम भी करना पड़ेगा …ज़रूरी है ,लेकिन थककर सोये के सोये ही न रह जाये क्योकि – चेरी गिल्डब्लूम कहते है कि “सर्वोत्तम सपने तब घटित होते हैं जब आप जगे हों।”
जिस मंजिल की आपको तलाश है .हो सकता है कुछ अनैच्छिक बाधाएं आपका थोडा लम्बा कर दें ,तब भी आपको कोई short cut नहीं तलाशना है . – बेवर्ली सील्स ने कहा है – “जाने के योग्य किसी स्थान के लिए कोई short cut नहीं होते।”
खुद पर विश्वास हो तो यही विश्वास ताक़त बन जाता है
निराशा को कभी भी अपने पर हावी मत होने दीजिये …..
दूसरों पर विश्वास करोगे ,कमजोरी बन जायेंगा
नकारात्मकता को अपने आस-पास भी फटकने दें ….. नकारात्मकता को अपने से दूर ही रखें …
प्रयास करते हुए असफलता मिले ..तो अपनी योग्यता पर संदेह मत कीजिये …..असफलता एक lesson है …असफलता हमें बतलाती है कि हमारे प्रयासों में कहीं कुछ कमी रह गई है …..अपनी कमियों का analysis करें ….
हम मनुष्य है …….भूल अथवा गलती होना स्वाभाविक है ….. कुछ गलतियाँ ऐसी होती है जिसके कारण हमें नुकसान उठाना पड़ता है …..और जब हमें अपनी गलती या भूल का पता चलता है , हम निश्चय करते है कि इस तरह की गलती फिर ना हो …और हम practically ऐसा करते भी है और होनेवाले नुकसान से बच जाते है ….कहने का अर्थ यह है कि गलतियाँ भी हमें सिखाती है …..मूर्ख वह नहीं जो गलती करता है ….मूर्ख वह है जो गलतियों से नहीं सिखता है … और बार –बार उस गलती को दुहराता है …..गिरकर ही उठाना सिखा जाता है …..ज़िन्दगी का इम्हिहान हो ….. या फिर …प्रतियोगी परीक्षा …गलतियों को सुधारते हुए आगे बढते रहना है …
एक और बात ….जब प्रयास में लगे हो तो यह बात मन के किसी कोने अवश्य रखें कि मेरी सफलता से मेरे परिजनों को कितनी ख़ुशी होगी …मुझे सिर्फ अपनी ख़ुशी के लिए नहीं अपने परिजनों की ख़ुशी का भी ध्यान रखना चाहिए ….यह सोचकर प्रयासरत रहे कि मै अपने परिजनों के दुखी होने का कारण नहीं बनूगा …..उनकी आशा –अपेक्षाओं को निराश नहीं होने दूंगा ….ऐसा सोचकर जब आप काम करेंगे तो आप अपने आपको उत्साहित अनिभव करेंगे …
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