inspiration-motivational thought in hindi
inspiration-motivational thought in hindi
inspiration-motivational thought in hindi
आज अधिकांश लोग वर्तमान का सुख न भोग कर या तो भविष्य की चिंता से दुखी है या भूत को याद कर कर के अपने आजके सुख से भी वंचित हो रहे है।
माना , आप कभी सुखी थे ,बहुत सुखी ,धन-दौलत शौहरत ,बंगला -गाड़ी ,सब कुछ था। आज नहीं रहा। तो क्या सब कुछ तबाह हो गया….खत्म हो गया ? कुछ बाकी ना रहा ?
हम यह क्यों भूल जाते है कि बिता हुआ कल आएगा नहीं और भविष्य में जो होना है उसे टाला नहीं सा सकता ,यह निश्चित है।
जिस आदमी ने ना तो अतीत में सुख का स्वाद चखा हो और ना उसे भविष्य में सुख मिलने की उम्मीद दिखाई
दे रही हो ,ऐसा आदमी यदि नाउम्मीद होकर बैठ जाये ,तो निश्चित मानिये ऐसे आदमी के भविष्य को लकवा मार जायेगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जैसे कामयाबी की हद नहीं होती ,वैसे ही नाकामयाबी की भी कोई हद नहीं होती। वैसे भी कामयाबी और नाकामयाबी के दो अलग -अलग रस्ते नहीं होते। दोनों ही एक ही रस्ते में आने वाले पड़ाव है। हमें तो बस चलते रहना पड़ेगा कामयाबी मिले तब भी और नाकामयाबी मिले तब भी।
दुर्भाग्य से किन्ही कारणों से आज हालात उतने अच्छे नहीं रहे ,जो कभी हुआ करते थे। जब आप बुरे दिनों में उन अच्छे दिनों को याद करगे तो वे आपको खुशियाँ नहीं ,देगी बल्कि रात को सोते वक़्त बिस्तर पर काँटों की तरह चुभेगी ,सांप की तरह डसेगी।दुःख कम नहीं होगा,बढ़ेगा ही । अतीत का मातम मानाने से अच्छा है कि यह सोचे कि ऐसा क्या करूँ कि हालत पहले जैसे अच्छे हो जाये। सिर्फ सोचे नहीं ,करे भी क्योकि नतीजा सोचने से नहीं काम करने से आएगा।
यह तो बात हुई अतीत को याद कर-करके दुखी होने वालों की ,अब बात करे भविष्य के बारे में सोच-सोचकर दुखी होने वालों की –
कुछ लोग सोचते है कि कल क्या होगा ,यदि…..
आज पैसा है ,कल ना हुआ तो …….
मकान कैसे खरीदूंगा …….
बेटी की शादी कैसे होगी। …….
बच्चों की आगे की पढ़ाई कैसे होगी…
कोई ऐसी-वैसी बीमारी लग गयी तो इलाज़ कैसे होगा…… ऐसे में भविष्य की चिंता ना करे तो क्या करे ?
तो उत्तर है -चिंता नहीं ,चिंतन करो ,सावधान हो जाओ ,सावचेत हो जाओ ,
आज ही फैसला कर लो ,ऐसी स्तिथि आने ही नहीं दूँगा
आज ही अपना बजट प्लान कर लेता हूँ ,इतना खर्च करूँगा ,और इतनी बचत
अब बताओ इसमें चिंता करने की क्या बात थी?
चिंता करोगे तो दुखी हो जाओगे ,चिंतन करोगे तो सावधान हो जाओगे,सक्रिय हो जाओगे
बस ,अल्फाज़ बदलने है ,अर्थ बदल जाएंगे ,अर्थ बदल जाएंगे तो सोच बदल जाएगी और सोच बदलते ही आप सुकून महसूस करोगे।
लेकिन इन सब की तैयारी तो आज से ही करनी पड़ेगी ना. देखिये ,कितना सुकून मिलेगा ऐसा करने से ,इसी सोच को जीवन की दूसरी बातों पर भी लागू कर दो
इन सारी बातों का सार क्या निकला ?
उत्तर है-बचाव की तैयारी आज से ही करनी होगी।
आज की सावधानी का मतलब कल की यानि की भविष्य की सुरक्षा,……. आनेवाले कल की हिफाज़त
हमारा आज का काम हमारा वर्तमान है और हमारे काम का परिणाम ही भविष्य है। यानि कि वर्तमान के काम से ही भविष्य बनता है. भूत को रोने से अच्छा है कि हम भूत से यह सीख ले कि हमने क्या गलती की थी ,उस गलती को वर्तमान में सुधार ले , भविष्य स्वतः अच्छा हो जायेगा। भविष्य के अंधकार को वर्तमान के प्रयासों से ही दूर किया जा सकता है…. हाँ ,यह अवश्य सोचे कि मेरा आने वाला कल आज से बेहतर कैसे हो सकता है और जो सोच उभर कर सामने आये ,उसे क्रियान्वित करने में जुट जाएँ ,निश्चित रूप से आपका भविष्य वैसा ही होगा जैसा आपने सोचा था.
कल से उजाला आज ने लिया ,आज से रोशन कल होगा ;
आने वाला हर दिन , आज के दिन से बेहतर होगा
No Comments