inspiration-motivational though,
inspiration-motivational though,
inspiration-motivational though,सपनों में छिपी है कामयाबी
अक्सर लोग कहते है कि सपने देखना छोड़ो ,हकीक़त की दुनिया में आओ
,लेकिन मैं कहता हूँ कि आदमी को सपने ज़रूर देखने चाहिए ,क्योंकि
सपने ,लक्ष्य निर्धारण में सहायता करते है
सपने,इक्छा शक्ति को दृढ़ बनाते है
सपने ,प्रेरणा बनते है
सपने,संकल्प और विश्वास के स्त्रोत होते है
सपने,नए अवसरों की तैयारी में सहायक है
सपने,तालाब से निकाल कर समुंद्र और धरती से आकाश में ले जाते है
यह सपने ही तो हैं जो दो छोटी -छोटी आँखों में सारी दुनिया को समेट लेते है
विश्वास ना हो तो दुनिया के कामयाब हस्तियों की कामयाबी का राज़ जान लो ;उन सभी को प्रेरणा सपनो से ही मिली थी
सपनों में छिपी है कामयाबी
सपने ज़मीं में बोया गया बीज है ,जो अंकुर बनकर फूटता है फिर फिर पौधा बनता है ,आप इसे सीचिए ,पोषित कीजिये ,फिर देखिये यह कैसे विशाल वृक्ष बन जायेगा ?जब यह सपना हक़ीक़त अख्तियार करेगा ,आपको तो
इसके फल और छाया मिलेगी ही दूसरों को भी मिलेगा।
अपने सपने की कभी हत्या मत कीजिये।सपने को मारना कन्या भूर्ण हत्या जैसा ही है ,यदि उस कन्या को जन्मने दिया जाता होता तो शायद वह भी लताजी जैसी स्वर साम्राज्ञी बन सकती या फिर लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगना या फिर इंदिरा गांधी जैसी
कुशल राजनीतिज्ञ या फिर कोई कल्पना चावला बन सकती थी। वैसे ही सपनों को मारिए मत उसे जीने दो ,उसे ज़िन्दा रखो उसे संजो कर रखो ।सपनों के इस पंछी को खुले आकाश में उड़ने दो. ना इसके पंख कांटो, ना इसे पिंजरे में कैद करो।
सपने जलकर राख भी हो जाये ,तब निराश मत होइये ,राख की ढेरी में फूँक मार कर तो देखिये ,कोई चिंगारी अब भी सुलग रही होगी। …. बस ,एक चिंगारी बहुत है ,सिर्फ आपको आशावादी और साकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना है।
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