inspiration -motivational qoutes in hindi
- सिर्फ और सिर्फ दो मिनट दीजिये …और सोचिये कितनी बातें ऐसी है जो हम अपने पर लागू कर सकते है ? हो सकता है किसी महापुरुष का कोई एक प्रेरक कथन हमारी सोच या आदत बदल दे ……
दुनिया में तीन तरह के लोग होते है .पहले वें जो अच्छा सोचते तो है किन्तु अच्छा करने के लिए कोई प्रयास नहीं करते .दूसरे तरह के वें लोग होते है –जो अच्छा सोचते है और कुछ समय तक अच्छा करते भी है किन्तु परिणाम मिलाता न देखकर उसे बीच में ही छोड़ देते है .तीसरे तरह के वें लोग होते है जो अच्छा सोचते है और अच्छा कार्य प्रारम्भ भी कर देते है और बार-बार विफल होकर भी हताश –निराश हुए बिना कार्य जारी रखते है ,जब तक परिणाम प्राप्त नहीं हो जाता .सोचे हम किस श्रेणी में आते है ?
अनुभव एक ज्ञानवर्द्धक पुस्तक है .
बूँद में गड्डे को समुन्द्र में बदलने की ,क्षण में समय को वर्षों में बदलने की शक्ति समाहित होती है वैसे ही एक मनुष्य में दुनिया बदलने की शक्ति समाहित होती है .
अगर दूर तक अँधेरा है ,उजाला चाहते हो लेकिन करना कुछ नहीं चाहते तो अँधेरे में रहने को अपनी आदत बना लो और यदि नहीं तो रोशनी की तलाश में निकल पड़ो.
दुनिया की समस्या यह नहीं है कि बुरी ताक़तें ताक़तवर है .समस्या यह है कि अच्छें लोग जो बुराई का अंत करने का सामर्थ्य रखते है ,वें यह भी जानते है कि बुराई का अंत कैसे हो सकता है किन्तु उसे कार्य रूप में परिणित नहीं करते .काम करने से होता है ,बातें करने से नहीं .
ईश्वर ने मनुष्य को समान बनाया है .किन्तु यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह जीवन को कैसा जीना है .
हर अच्छा कार्य जटिल होता होता है और हर बुरा कार्य सरल .इसलिए सामान्य मनुष्य सरल कार्य को चुनता है .
जो मनुष्य विषम स्थितियों में भी विचलित हुए बिना धैर्यशील बना रहता है ,वह विलम्ब से ही सही किन्तु अंतत: अपने अभीष्ट को प्राप्त कर लेता है .
बुराई शायद अच्छे लोगों की पहचान करने के लिए ही पैदा हुई है .
माँ संतान सुख प्राप्त करने से पूर्व प्रसव पीड़ा से गुजरती है ,वैसे ही सुख प्राप्ति से पूर्व कष्ट भोगना पड़ता है .
ईर्ष्या और प्रसन्नता सौतन है ,साथ रहकर दोनों ही चैन से नहीं रह सकती .
फूंक से पहाड़ नहीं उड़ाया जा सकता ,हाथ उठकर आसमान को छूया नहीं जा सकता ,पत्थर को मुट्ठी में भींच कर पानी नहीं निचोड़ा जा सकता .उसी प्रकार जो कार्य हमारी सामर्थ्य से परे हो उस पर समय और उर्जा व्यर्थ न करें .लेकिन जो किया जा सकता है ,उसमे अपनी साड़ी क्षमता झोंक दे .
उदासीन और नकारात्मक होना मृत्यु का जीवित रूप है .
हर मनुष्य की अच्छी या बुरी स्थिति उसके अच्छे या बुरे कार्य का परिणाम है .
प्रेम में क्रोध को ,सदाचार में पाप को ,दान में लोभ को और सत्य में झूठ को पराजित करने की शक्ति निहित होती है
घृणा सिर्फ प्रेम से ही पराजित हो सकती है .
प्रेम ,उदारता ,दयालुता , करूणा ,सहानुभूति और सेवा भाव जिस मनुष्य में हो वह देवतुल्य पूजनीय बन जाता है .
अपनी निंदा सुनकर भी प्रतिक्रिया न करनेवाले मनुष्य का व्यक्तित्व समुन्द्र की भांति विशाल होता जिसमे कंकर फेंकने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता .
भूत जो जा चुका है ,भविष्य का पता नहीं ,तो क्यों नहीं जो सामने है अर्थात वर्त्तमान उसका भरपूर आनंद लें ?
जगे हुए मनुष्य को रात गुजरना मुश्किल लगता है ,थककर चूर हुए को मंजिल दूर लगती है, उसी तरह आलसी और प्रमादी को सफलता दूर जान पड़ती है .
अपने आसपास अच्छे व्यक्ति ,वस्तु ,साधन और अवसर के होते हुए उसका आनंद या लाभ न लेनेवाला शहद में डूबे चम्मच
की तरह होता है .
No Comments