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inspiration-motivational qoutes in hindi
चाहे जितने सदुपदेश सुन ले ,चाहे जीतनी पुस्तकें पढ़ ले ,लेकिन जब तक वे अच्छी बातें व्यावहारिक नहीं बनती छिद्र वाले पात्र में जल संग्रह करने का प्रयास करने जैसा है .
भूत को विस्मृत कर दो ,भविष्य के बारे में चिंतन न करो ,वर्त्तमान पर ध्यान केन्द्रित करो.
दूसरों पर विजय पाने की अपेक्षा स्वयं पर विजय पाने का प्रयास करो .
ईर्ष्या न करों क्योकि इर्ष्या की अग्नि दूसरों को नहीं ईर्ष्यालु को ही जलाती है
पाप और पुण्य का भाव मन से ही उत्पन्न होते है. यदि मन पवित्र भावों से भरा हो तो पाप कर्म कर्म के लिए स्थान शेष न होगा .
ज्योत से ज्योत प्रज्वलित होने पर अन्धकार का नाश हो जाता है और सर्वत्र प्रकाश व्याप्त होजाता है ,वैसे ही प्रसन्नता बांटने से सर्वत्र प्रसन्नता व्याप्त हो जाती है .
मनुष्य का क्रोध ही मनुष्य के विनाश कारण बन जाता है .
घृणा को प्रेम से ही जीता जा सकता है .
हजारों व्यर्थ के शब्द प्रयोग से अच्छा है प्रेम का वह शब्द जो शांति प्रदान करता है .
आतंरिक बोध के बिना सत्य का बोध नहीं हो सकता .
शांति के लिए बाह्य प्रयास व्यर्थ है ,वह भीतर ही विद्यमान है ,उसे भीतर ही खोजो.
मस्तिष्क में उत्पन्न सद विचार ही मित्र और और कुविचार शत्रु है . .
दूसरो से अपेक्षा रखने से कही ज्यादा अच्छा है स्वयं में सामर्थ्य उत्पन्न करना .
अच्छा स्वास्थ्य उपहार है ,संतोष धन है और निष्ठा सम्बन्ध है
इर्ष्या की अग्नि में जलने वाला मनुष्य कभी सुख और शांति नहीं पा सकता .
जैसे अग्नि का स्पर्श करने वाले को अग्नि जला देती है वैसे ही क्रोध करनेवाले को क्रोध जला देता है
जिह्वा एक ऐसा शस्त्र है जो रक्त बहाए बिना शत्रु को पराजित कर सकती है .
मनुष्य जैसा सोचता है ,वैसा ही बन जाता है .
जैसे सूर्य और चन्द्रमा ज्यादा समय तक छुपे नहीं सकते वैसे ही सत्य भी ज्यादा देर नहीं छिप सकता .
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