Hindi Hindustani
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inspiration-mativational qoutes in hindi

June 8, 2016
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मेहनत मत करो ,परिश्रम करो क्योकि  मेहनत में केवल शारीरिक बल का प्रयोग होता है और परिश्रम में बुद्धि -विवेक भी शामिल हो जाते है।   

Hindi Hindustaniहोश पर जोश ज़रुरत से ज्यादा हावी  होने मनुष्य पर वह बात सोचता है ,जो बात नहीं सोचनी चाहिए और वह कार्य करता है,जो नहीं करना चाहिए । 

 

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हम में से अधिकांश  बाहरी अनेक बातों को तो जानते है ,तथा और भी ज्यादा जानने की कोशिश में लगे रहते है,किन्तु  स्वयं को ना कभी जाना  और ना कभी जानने की कोशिश करते है।  
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स्वार्थ  हावी होने पर  मनुष्य का ह्रदय चट्टान की तरह शुष्क और निष्ठुर हो जाता है.

Hindi Hindustaniइतिहास  हार कर  बैठ  जाने वालों से नहीं ,असफल  हो जाने के बाद फिर प्रयत्न करने वालो से बनता है।

 

Hindi Hindustaniनिर्जीव तो निराश और निष्ठुर होता ही  है। भाव संवेदना खत्म होने पर मनुष्य  भी निर्जीव हो जाता है।

 

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प्रतिशोध  की भावना अपने आप को मलिन ,दूषित  और  दुराचारी बना  देती है। 

 

Hindi Hindustaniधनवान  बनो , विवेकवान  बनो ,परिश्रमी  बनो और  महान  बनो क्योकि ऐसा बनकर आप अपने  साथ-साथ  दूसरों का भी भला कर सकोगे। अच्छा करने करने के लिए पहले स्वयं को अच्छा बनना और अच्छा करना पड़ेगा 

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कार्यों  का  मूल विचार है। मस्तिष्क  मे  जिस प्रकार के विचार घूमते  है, उसी  प्रकार के कार्य  होने लगते  है। 

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  दूसरों  को आगे बढ़ाकर  खुद भी आगे बड़ो-तब ही सच होगा

 

सबका साथ,सबका विकास का नारा  

Hindi Hindustaniसमर्थता , कुशलता , सम्पन्ता से  ऊपर  ऊठकर  एक शक्ति  है , भाव  संवेदना अर्थात  ह्रदय की पवित्रता। 

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दुनिया में दो ही चीजें मुफ़्त में मिल सकती है  -पहला धोखा और दूसरी -सलाह। 

 

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चिंता मुक्त होने का सबसे सरल उपाय है -दृष्टिकोण में  परिवर्तन। दृष्टिकोण में  परिवर्तन में होते ही आशा की किरण नज़र आने लगेगी । 

 

 

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बुराई का स्वरुप बाहर से जितना सुंदर और आकर्षक होता है ,उतना ही भीतर से कुरूप ,कुत्सित और घिनौना होता है. बुराई के चक्रव्यूह में घुसना जितना आसान है उससे बाहर निकलना उतना ही मुशिक्ल। 

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