Hindi Hindustani
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chanakya neeti -6

November 7, 2016
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chanakya neeti -6

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chanakya neeti -6

चाणक्य नीति -6 

 

 

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चाणक्य नीति -६ 



पशु -पक्षियों की तुलना में मनुष्य ही श्रेष्ठ है किन्तु पशु -पक्षियों में भी  कुछ विशेषताए  होती है ,जिनसे बहुत कुछ सीखा  जा सकता है ,जैसे –

Hindi Hindustaniकरणीय कार्य छोटा हो बड़ा ,उस कार्य में अपनी पूरी क्षमता लगा दो ,यह सीख  शेर से ली जा सकती है। 

Hindi Hindustaniकार्य सिद्धि के लिए एकाग्रता का होना आवश्यक है। सब ओर से ध्यान हटा कर पूरा ध्यान लक्ष्य  पर केन्द्रित कर दो ,यह गुण बगुले से ग्रहण किया जा सकता है। 

Hindi Hindustaniसमय पर जागना ,संघर्ष के लिए तत्पर रहना ,बंधु को उसका उचित हिस्सा देना ,स्वयं  के प्रयत्न से भोग करना ये सारे गुण  मुर्गे से सीखे जा सकते है। 

Hindi Hindustaniधैर्य रखना ,आवश्यकता की वस्तु का संग्रह करना ,सदैव चौकस रहना ,किसी पर अति विश्वास न करना ये गुण कौए  से सीख सकते है। 


Hindi Hindustaniअधिक की आवश्यकता  होने पर भी थोड़े से संतुष्ट होना ,गहरी नींद ,तुरंत जागना ,स्वामिभक्ति और साहस ये गुण  कुत्ते से सीखे जा सकते है। 

Hindi Hindustaniथक जाने पर भी बोझ वहन  करना ,सर्दी-गर्मी की उपेक्षा करना ,सदैव संतुष्ट रहना ये गुण गधे से सीख सकते है। 

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Hindi Hindustaniशास्त्रों को पढ़कर न सही सुनकर भी धर्म के मर्म को जाना जा सकता है। धर्म के मर्म को जान लेने से दुर्बुद्धि का नाश होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है तथा ज्ञान से मोक्ष प्राप्त होता है। 
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Hindi Hindustaniपक्षियों में कौआ ,पशुओं में कुत्ता और मनुष्यों में क्रुद्ध स्वाभाव वाला  चाण्डाल  के समतुल्य होता है किन्तु इनमे भी सबसे बड़ा चांडाल दूसरों की निंदा करनेवाला होता होता है ।  

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Hindi Hindustaniकांसे का बर्तन राख से ,ताँबे का बर्तन खटाई से स्त्री रजस्वला से और नदी  तीव्र प्रवाह से पवित्र होती है। 

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Hindi Hindustaniराजा ,ब्राह्मण और योगी भ्रमण से पूजित होते है किन्तु भ्रमण से स्त्री भ्रष्ट होती है। 

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Hindi Hindustaniपैसा पास हो तो गैर भी बंधु -बांधव ,मित्र बन जायेगे ,पैसा पास हो तो लोग श्रेष्ट पुरुष और विद्वान् के समान  आदर देंगे। ऐसा दुनिया का स्वभाव है। 

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Hindi Hindustaniमनुष्य की जैसी बुद्धि होगी वह वैसा ही कार्य चुनेगा ,जैसा वह कार्य करेगा  उसे वैसे  ही लोग मिल जायेगे। 
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Hindi Hindustaniकाल सभी का नाश करता है। सबका नाश हो जाने पर भी काल जाग्रत रहता है। काल को कोई टाल नहीं सकता। 


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Hindi Hindustaniजैसे जन्मांध को कुछ दिखाई नहीं देता ,वैसे ही कामासक्त , व्यसनी  और स्वार्थ में अंधे को कुछ दिखाई नहीं देता। 
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Hindi Hindustaniजीव स्वयं कर्म करता है और कर्मानुसार फल पाता है। मनुष्य कर्म के अनुसार ही जन्म-मरण के चक्र में घूमता है और कर्म से  ही मोक्ष पाता है।  
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Hindi Hindustaniप्रजा के पाप को शासक को और शासक के पाप को सज्जनों को भोगना पड़ता है ,इसी तरह स्त्री के पाप कर्म को उसके पति को और शिष्य के पाप को गुरु को भोगना पड़ता है। 


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Hindi Hindustaniऋणी पिता और व्यभिचारिणी माता अपनी संतान के लिए शत्रु होते है ,पत्नी की अत्यधिक सुन्दरता  पति के लिए और मूर्ख पुत्र पिता के लिए शत्रु तुल्य होते है। 

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Hindi Hindustaniलोभी वृति के मनुष्य को धन से ,अहंकारी को विनम्रता से ,मूर्ख को उसकी इच्छानुसार कार्य करके वश में किया जा सकता है किन्तु विद्वजन को सत्य से ही वश में किया जा सकता है।  




 
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Hindi Hindustaniबुरे शासक से राज्य का ना होना ज्यादा अच्छा है ,बुरे मित्र से मित्र का ना होना है ,निंदित कृत्य करनेवाले शिष्य से अच्छा है  कि  कोई शिष्य ही ना हो और कुभार्या से भार्या का ना होना ही अच्छा है। 




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