Hindi Hindustani
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October 13, 2016
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चाणक्य नीति-

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बुद्धिमान मनुष्य को भी कष्ट उठाना पड़  सकता है यदि वह मूर्ख व्यक्ति को उपदेश दे ,व्यभिचारिणी को आश्रय दे ,मुसीबत से घिरे व्यक्ति के साथ व्यवहार रखे 






Hindi Hindustaniजहाँ दुराचारिणी स्त्री ,दुष्ट मित्र ,मुँह लगा सेवक और साँप का निवास हो वहाँ  मृत्यु की आशंका बनी रहती है 


Hindi Hindustaniमनुष्य को चाहिए कि वह धन की रक्षा करे ,धन से स्त्री की रक्षा करें लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि  मनुष्य पहले अपनी रक्षा का उपाय सोचे। 

Hindi Hindustaniयदि कोई यह सोचे कि  संचित धन से वह अपने को किसी भी मुसीबत से बचा  लेगा तो गलत सोचता है क्योकि चंचल लक्ष्मी  कभी भी साथ छोड़कर जा सकती है 

Hindi Hindustaniऐसे देश को छोड़ देना चाहिए जहाँ मान-सम्मान नहीं ,आजीविका का साधन नहीं ,मित्र-रिश्तेदार नहीं ,गुणों में अभिवृद्धि करने का अवसर नहीं 

Hindi Hindustaniमनुष्य को ऐसे स्थान पर कभी निवास नहीं करना चाहिए जहाँ आजीविका का कोई साधन ना हो ,दंड विधान ना हो ,लोकमर्यादा ना हो, किसी में शिष्टता उदारता ना हो ,दान प्रवृति ना हो 

,Hindi Hindustaniपरिजन ,मित्र ,पत्नी, सेवक की वास्तविक पहचान धन शेष न रहने पर ही होती है 

Hindi Hindustaniसच्चे अर्थों में अपना वही होता है जो रोग ग्रसित होने पर ,दुर्भिक्ष के समय ,दुश्मन की ओर  से खतरा होने पर तथा मरणासन्न स्तिथि में भी साथ ना छोड़े 

Hindi Hindustaniजो मनुष्य पूरी के लालच में भागता है स्वयं का आधा भी खो देता है 

Hindi Hindustani सुन्दर  दुराचारिणी स्त्री को जीवनसंगिनी बनाने की अपेक्षा कुरूप सुशील स्त्री का वरण  कर लेना कहीं ज्यादा अच्छा है 

Hindi Hindustaniविष में यदि अमृत हो ,कीचड़ में यदि सोना हो ,और दुष्ट के पास कोई गुण हो तो स्वीकार कर लेना चाहिए 

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