Hindi Hindustani
12th BIHAR

bihar board class12hindi book solution ,soordas, सूरदास के पद

September 22, 2022
Spread the love

bihar board class12hindi book solution ,soordas,

\"\"

सूरदास के पद

2 सूरदास के पद

सूरदास के पद अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न . महाप्रभु वल्लभाचार्य सूरदास जी के गुरु  थे

प्रश्न .‘साहित्य लहरी’ के रचनाकार सूरदास हैं

प्रश्न .सूरदास हिन्दी साहित्य भक्तिकाल के कवि हैं

प्रश्न .सूरदास का जन्म1478 ई. में  रुमकता नामक गाँव में हआ

प्रश्न .सूरदास के काव्य की भाषा ब्रज है

प्रश्न .सूरदास के काव्य में वात्सल्य। रस की बहुलता  है

प्रश्न .गायें अपने बछड़ों की ओर दौड़ पड़ी।

 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.प्रथम पद में किस रस की व्यंजना हुई है

उत्तर-सूरदास रचित “प्रथम पद” में वात्सल्य रस की व्यंजना हुई है। माता-पिता एवं संतान के प्रेम भाव को प्रकट करने वाले रस को वात्सल्य रस कहलाता है। इस रस के अंतर्गत मुख्यतः माता-पिता तथा संतान के बीच की क्रियाकलाप और आनंद से उत्पन्न होने वाले प्रेम की अनुभूति होती हैं।। प्रथम पद में माता यशोदा भोर होने पर सोए हुए बाल श्री  कृष्ण को अत्यंत दुलार के साथ मधुर स्वर में जगा रही  है।

प्रश्न 4.पठित पदों के आधार पर सूर के वात्सल्य वर्णन की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर- ‘सूरसागर’ से उद्धृत  पाठ्यपुस्तक में संकलित दोनों  पद वात्सल्य रस से युक्त  हैं  । यें दोनों पद  सूर की काव्य कला अप्रतिम उदहारण है । पहले पद में प्रथम पद में माता यशोदा भोर होने पर सोए हुए बाल श्री  कृष्ण को अत्यंत दुलार के साथ मधुर स्वर में जगाने का शब्द चित्र उपस्थित हुआ है वहीँ  दूसरे पद में बाबा नंद द्वारा बाल श्री कृष्ण को भोजन कराने का स्वाभाविक चित्रण हुआ है । बाल श्री कृष्ण की बाल सुलभ  क्रियाओं, और भाव मुद्रा का अनूठा  चित्रण इस पद में हुआ  है।

सूर बाल-प्रकृति तथा बाल-सुलभ अंतरवृत्तियों का  चित्रण करनेवाले  सिद्धहस्त कवि माने जाते है . भारतीय साहित्य में ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य में वात्सल्य का वर्णन करने में सूर का कोई सानी नहीं । उनके वात्सल्य वर्णन की विद्वानों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है।

हिन्दी के विद्वान एवं साहित्यसेवी लाला भगवानदीन ने सूर के लिए कहा है “ बाल-चरित्र का वर्णन में सूरदास को कमाल हासिल है,  गोस्वामी तुलसीदास जी जो हिन्दी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ कवि माने जाते है ,वात्सल्य चित्रण में सूर की समानता नहीं कर सके । बालवृति का जितना स्वाभाविक चित्रण जैसा  सूर ने किया है, वैसा  किसी अन्य भाषा के कवि ने किया होगा इसमे संदेह है ।”

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने कहा  हैं, “जितने विस्तृत और विशद् रूप से सूर ने बाल लीला का वर्णन किया है, उतने विस्तृत रूप में और किसी कवि ने नहीं किया। कवि ने बालकों की अन्तरूप्रकृति में भी पूरा प्रवेश किया है और अनेक बाल भावों की सुन्दर स्वाभाविक व्यंजन की है।”

डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी कहते हैं कि “यशोदा के बहाने सूरदास ने मातृ हृदय का ऐसा स्वाभाविक सरल और हृदयग्राही चित्र खींचा है कि आश्चर्य होता है। माता संसार का ऐसा पवित्र रहस्य है जिसकी कवि के अतिरिक्त और किसी को व्याख्या करने का अधिकार नहीं है।”

प्रश्न 6.कृष्ण खाते समय क्या-क्या करते हैं

उत्तर- भोजन करते हुए बाल श्री कृष्णकुछ खाते हैं और  कुछ धरती पर गिरा रहे  हैं। बाबा नन्द  मनुहार करते हुए नाना उपक्रम  कर विविध प्रकार के व्यंजन बाल श्री कृष्ण को भोजन करा रहे है। माता यशोदा पिता-पुत्र ऐसा करते देखकर हर्षित हो रही है। बाल श्री  कृष्ण अपने हाथों जो रुचिकर लगता है उसे ग्रहण करते हैं। दही में विशेष प्रिय हैं।

No Comments

    Leave a Reply

    error: Content is protected !!
    error: Alert: Content is protected !!