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12th BIHAR

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September 22, 2022
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तुमुल कोलाहल कलह में,जय शंकर प्रसाद

6 .तुमुल कोलाहल कलह में

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न-कामायनी किस विधा का काव्य है ?

उत्तर- .‘कामायनी’ प्रसाद का  प्रबंध काव्य है

प्रश्न 1.‘जयशंकर प्रसाद जी किस वाद के कवि हैं ?

उत्तर- .जयशंकर प्रसाद जी छायावाद के कवि हैं

प्रश्न 2.‘तुमुल कोलाहल कलह में’ शीर्षक कविता के रचयिता कौन हैं

उत्तर-जयशंकर प्रसाद।

प्रश्न 3.चातकी किसके लिए तरसती है

उत्तर-एक छोटीदृसी बूँद के लिए।

प्रश्न 4.मनुष्य का शरीर क्यों थक जाता है

उत्तर-मन की चंचलता से।

प्रश्न 5.जयशंकर प्रसाद किस वाद के कवि हैं

उत्तर-छायावाद के।

पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर

प्रश्न 1.‘हृदय की बात’ का क्या कार्य है

उत्तर-इस कोलाहलपूर्ण वातावरण में श्रद्धा, जो वस्तुतः कामायनी है, अपने हृदय का सच्चा मार्गदर्शक बनती है।

मनुष्य  का हृदय जब जीवन संघर्षों से जूझते हुए थक जाता है तब वह  चेतनाशून्य होकर शांति और विश्राम पाने के लिए  गहरी नींद में समां जाना चाहता है  , ऐसे अवसाद ,अशान्ति और  विषादपूर्ण, वातावरण में श्रद्धा चंदन की  सुवासित गंध  बनकर कोलाहलपूर्ण  मन को शांति  प्रदान करती है।

प्रश्न 2.कविता में उषा की किस भूमिका का उल्लेख है

उत्तर-  श्रद्धा पुरुष के जीवन में नारी उषा की तरह होती है  | जब पुरुष का मन  दुख रुपी  अंधकार के वन में खो जाता है  | तब नारी पुरुष के जीवन में उषा बनाकर आती है और पुरुष के अन्धकार से भरे  जीवन को आनंद के प्रकाश से भर देती है .मनुष्यं के जीवन में आशा का संचार होने लगता है .

 प्रश्न 3.चातकी किसके लिए तरसती है

उत्तर- चातकी एक पक्षी है जिसके लिए कहा जाता है कि वह  स्वाति नक्षत्र का ही जल ग्रहण करती है।चातकी स्वाति  जल की प्रतीक्षा में टकटकी लगाये आकाश की निहारती रहती है ,स्वाति जल पाकर  चातकी तृप्त हो जाती है .इसी भांति दुखी मनुष्य  सुख प्राप्ति की  प्रतीक्षा  करता रहता ।  धधकते हुए मरुस्थल रुपी जीवन में  मनुष्य चातकी की भांति स्वाति बूँद के लिए तरसती है जब मानव जीवन कष्ट की अग्नि में मरुस्थल की तरह धधकता है तब आनंद रूपी बारिश ही उसके चित रूपी चातकी को सुख प्रदान करती है

प्रश्न 4.बरसात की ‘सरस’ कहने का क्या अभिप्राय है

उत्तर- बरसात की सरस कहने से कवि का अभिप्राय है कि  जब मानव जीवन कष्ट की अग्नि में मरुस्थल की तरह धधकता है तब आनंद रूपी बारिश ही उसके चित को सुख प्रदान कर जीवन को आनंदित अर्थात सरस बनता  है ।

प्रश्न 5.प्रश्न 6.“सजल जलजात” का क्या अर्थ है

उत्तर – मनुष्य का  जीवन आँसुओं से भरे  सरोवर के सदृश है । उसमें अवसाद और निराशा रूपी बादलों की छाया प्रतिबिंबित हो रही  है। उस  सरोवर में आशा मकरन्द से परिपूर्ण एक ऐसा सजल कमल है जिस पर भौरे मँडराते हैं ।कवि ने पुरुष के प्रति नारी प्रेम की और संकेत किया है .

प्रश्न 8.कविता में विषाद’ और ‘व्यथा’ का उल्लेख है, वह किस कारण से है

उत्तर- काव्यांश ‘तुमुल कोलाहल कलह में’  ‘विषाद’ और ‘व्यथा’ का उल्लेख है। कवि जयशंकर प्रसाद के  अनुसार संसार में मानव जीवन की  कोलाहल से भरा हुआ है । मनुष्य का मन चिर विषाद में विलीन हो जाता है। मन में घुटन महसूस होने लगती है। कवि अंधकाररूपी वन में व्यथा (दुरूख) का अनुभव करता है। सचमुच, वर्तमान संसार में सर्वत्र विषाद एवं ‘व्यथा’ ही परिलक्षित होता है।

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