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हार-जीत,अशोक वाजपेयी
12 हार-जीत
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2.हार- जीत गद्यात्मक कविता है
प्रश्न 3. शासक वर्ग उत्सव मना रहे हैं
प्रश्न 4.हारजीत कविता में जनता और शासन-प्रशासन की हार जीत का प्रश्न उठाया गया है
प्रश्न 1.उत्सव कौन और क्यों मना रहे हैं
उत्तर-नगर के आम नागरिक उत्सव मना रहे हैं। उन्हें बताया गया है कि उनकी सेना विजय होकर युद्ध क्षेत्र से लौट रही है ,जबकि उन्हें यह ज्ञात नहीं है कि युद्ध में कौन और कितने लोग गए थे और कितने वापस लौट रहे है । युद्ध में मारे गए लोगों के बारे में पता नहीं है।नागरिक सिर्फ शासन –प्रशासन के आदेश की अनुपालना कर रही है .
प्रश्न 2.नागरिक क्यों व्यस्त हैं क्या उनकी व्यस्तता जायज है
उत्तर-नगारिक इसलिए व्यस्त है क्योंकि उन्हें बताया गया है कि उनकी सेना विजय होकर युद्ध क्षेत्र से लौट रही है ,इसलिए
उत्सव मनाने की तैयारियाँ करनी है।उन्हें विजयी होकर लौट रही सेना का स्वागत करना है। जबकि उन्हें यह ज्ञात नहीं है कि युद्ध में कौन और कितने लोग गए थे और कितने वापस लौट रहे है । युद्ध में मारे गए लोगों के बारे में पता नहीं है।नागरिक सिर्फ शासन –प्रशासन के आदेश की अनुपालना कर रही है .जबकि जनता को चाहिए कि वह अपने विवेक और बुद्धि से वास्तविकता को जाने .सच्चाई जाने बिना जिस कार्य में वें व्यस्त है ,उसमे अपनी उर्जा औए समय खर्च करना जायज नहीं कहा जा सकता .
प्रश्न 3.किसकी विजय हुई ,सेना की, कि नागरिकों की, कवि ने यह प्रश्न क्यों खड़ा किया है यह विजय किनकी है आप क्या सोचते हैं ,बताएँ।
उत्तर- शासन –प्रशासन द्वारा नागरिकों को बताया जाता है कि उनकी सेना विजय होकर युद्ध क्षेत्र से लौट रही है ,इसलिए
उत्सव मनाने की तैयारियाँ करनी है।उन्हें विजयी होकर लौट रही सेना का स्वागत करना है। जबकि नागरिकों यह ज्ञात ही नहीं है कि युद्ध में कौन और कितने लोग गए थे और कितने वापस लौट रहे है । युद्ध में मारे गए लोगों के बारे में पता नहीं है।नागरिक सिर्फ शासन –प्रशासन के आदेश की अनुपालना कर रही है .यदि जनता अपनी बुद्धि और विवेक का प्रयोग किये बिना शासन –प्रशासन के आदेश की अनुपालना करती है तो जनता जिसे जीत समझ रही है ,वह वास्तव में जनता की हार है .
प्रश्न .‘खेत रहनेवालों की सूची अप्रकाशित है।’ इस पंक्ति के द्वारा कवि ने क्या कहना चाहा है कविता में इस पंक्ति की क्या सार्थकता है बताइए।
उत्तर- खेत रहनेवालों की सूची अप्रकाशित है।’ इस पंक्ति के द्वारा कवि ने यह कहना चाहा है कि जो सैनिक युद्ध के लिए रणक्षेत्र में गए थे तब युद्ध में जाने वाले सैनिकों की संख्या कितनी थी और जब युद्ध समाप्ति के पश्चात् जब सैनिक युद्ध से लौटे तब उनकी संख्या कितनी रही अर्थात कितने सैनिक युद्ध के मैदान में वीर गति को प्राप्त हुए ,ऐसे शहीद हुए सैनिको की संख्या का कहीं कोई लेखा-जोखा नहीं है ,यदि वास्तव में युद्ध हुआ ही है तो विजय का जश्न मनाने के साथ उन शहीदों और शहीदों के परिजनों के बारे में क्यों नहीं सोचा जा रहा ?राजनितिक दल युद्ध में विजय को अपनी उपलब्धि बताकर प्रशंसा लूटती है ,किन्तु शहीद और शहीद के परिजनों के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं दी जाती.
प्रश्न 5.सड़कों को क्यों सींचा जा रहा है
उत्तर- सड़कों को इसलिए सींचा जा रहा है क्योकि जब युद्ध में विजय होकर लौट रही सेना इस मार्ग से गुजरे तो मार्ग में धूल न उड़े और विजयोत्सव का आनंद किरकिरा न हो .
प्रश्न 6.बूढ़ा मशकवाला क्या कहता है और क्यों कहता है
उत्तर-बूढ़ा मशकवाला कहता है कि एक बार फिर हमारी अर्थात नागरिकों की हार हुई है। बूढा मशक वाला अनुभवी भी है और इस विजय की सच्चाई भी जानता है । बूढा मशकवाला जानता है कि युद्ध ने आँखों में आंसू ज़रूर दिए है ,लेकिन कभी किसी को प्रसन्नता नहीं दी .मशकवाले के कहने का आशय यह है कि जिस सामरिक या राजनितिक दृष्टि से विजय कहा जा रहा है ,मानवता की दृष्टि से यह मानवता की हार है . मशकवाला यह भी जनता है कि शहीद हुए सैनिको की संख्या का कहीं कोई लेखा-जोखा नहीं है ,मरनेवालों की संख्या को छुपाया गया है क्योकि ख़ुशी के कारण को छुपाया नहीं ,बल्कि प्रकट किया जाता है .
प्रश्न 7.बूढा, मशकवाला किस जिम्मेवारी से मुक्त है सोचिए, अगर वह जिम्मेवारी उसे मिलती तो क्या होता
उत्तर- दरअसल कविता में मशकवाला समाज और देश के बौद्धिक वर्ग , साहित्यकार और पत्रकारिता का प्रतीकात्मक रूप है ,जिस पर सच्चाई को सामने लाने की जिम्मेदारी होती है . मशकवाले के माध्यम से कवि पाठकों को यह बोध करना चाहता है कि सत्तारूढ़ सरकार नहीं चाहती कि सच्चाई सामने आये .सरकार सामने लाने वाले या तो प्रतिबंधित कर देती है या उसे मूक रहने का आदेश दे दिया जाता है .यदि मशकवाले को सड़क सींचने के काम से मुक्त कर दिया जाता तो वह देश और समाज के सामने सच्चाई को लाता .उसके सामने हार को जीत मानने की विवशता नहीं होती ,बल्कि वह हार को हार बतलाता .
प्रश्न 8.‘जिन पर है वे सेना के साथ ही जीतकर लौट रहे हैं
जिन किनके लिए आया है वे सेना के साथ कहाँ से आ रहे हैं वे सेना के साथ क्यों थे वे क्या जीतकर लौटे हैं बताएँ।
उत्तर-उक्त पंक्ति में ‘जिन’ शब्द का प्रयोग सत्ता दल के राजनेताओं लिए प्रयुक्त हुआ है। वे लड़ाई के मैदान से लौट सेना के साथ इसलिए आ रहे हैं कि ताकि सेना की सच्चाई सामने न आ सकें ,जनता को यह पता न चल सकी कि उनकी सेना हारकर लौट रही हैं। कवि ने राजनेताओं के दुहरे चरित्र और छद्म रूप को उजागर किया है . राजनेताओं के बाह्य और आतंरिक चरित्र में विरोधाभास है .
प्रश्न 9.गद्य कविता क्या है इसकी क्या विशेषताएँ हैं
उत्तर-गद्य कविता काव्य शास्त्र के व्याकरण और नियमों से मुक्त होती है .गद्य काव्य में सौन्दर्य की नहीं विचारों की प्रधानता होती है .रस,छंद और अलंकार से मुक्त रहकर आम जन की बोलचाल की भाषा में विचारों की वर्णात्मक अभिव्यक्ति होती है .गद्य कविता की उत्पति कल्पना से नहीं बल्कि भोगे गए यथार्थ और जीवनानुभव से होती है .गद्य कविता का उद्देश्य पाठक या श्रोता को आनंदानुभूति करना नहीं बल्कि वैचारिक चिंतन का अवसर प्रदान कारन होता है .
प्रश्न 10.कविता में किस प्रश्न को उठाया गया है आपकी समझ में इसके भीतर से और कौन से प्रश्न उठते हैं
उत्तर-प्रस्तुत कविता का रचनागत उद्देश्य यह है यदि राष्ट्र से जन की पहचान होती है तो जन की पहचान भी राष्ट्र से होती है .
जिस जन से राष्ट्र का निर्माण होता है ,उस जन को राष्ट्र की सच्चाई का भी पता होना चाहिए किन्तु सत्ता पर आरूढ़ शासन और शासन के अधीन प्रशासन जनता तक सच्चाई पहुँचने ही नहीं देना चाहते .बौद्धिक अथवा प्रबुद्ध वर्ग यथा – साहित्यकार और पत्रकारिता कर्मी जिन पर देश की वास्तविक स्थिति को सामने लाने की जिम्मेदारी है किन्तु शासकीय –प्रशासकीय व्यवस्था इस वर्ग को मूक बना देती है .उसे सच कहने से रोक दिया जाता है . उसे विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है ,उधर देश की जनता को सिर्फ अपनी रोजी-रोटी से मतलब है .शासन –प्रशासन देश की जनता को दिखाते और सुनाते है ,उसी को सच मान लेते है .कविता के माध्यम से कवि प्रश्न उठता है कि क्यों शासन और प्रशासन सच छुपाया जाता है ,झूठ दिखाया जाता है और क्यों प्रबुद्ध वर्ग मूक रह जाता है ?
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