motivational thought on past- present- future
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| भूत –वर्तमान भविष्य – |
कल से उजाला आज ने लिया
आज से रोशन कल होंगा
आने वाला हर दिन
आज के दिन से बेहतर होगा
आज अधिकांश लोग वर्तमान का सुख न भोग कर या तो भविष्य की चिंता से दुखी है या भूत को याद कर कर के अपने आज के सुख से भी वंचित हो रहे है।
दरिया के किनारे बैठ कर भी प्यासे है ,न मालूम किस लहर का इंतज़ार है?यह भी तो हो सकता है जिस लहर का इंतज़ार है वह अपने साथ तूफ़ान लेकर आये ?

बीते हुए कल पर आँसू बहाना
और भविष्य की चिंता
ये दोनों हमारे आज के आनंद को सोख लेते है 
भूत माला चढ़ी तस्वीर की तरह है
भविष्य लॉटरी के टिकट की तरह है
और वर्तमान प्यास में पानी और भूख में भोजन की तरह है
हम यह क्यों भूल जाते है कि बिता हुआ कल आएगा नहीं और भविष्य में जो होना है उसे टाला नहीं सा सकता ,यह निश्चित है। भविष्य कही से आएगा नहीं ,हमारा आज का अच्छा या बुरा कर्म ही हमारा भविष्य बनेंगा. वर्तमान की उपेक्षा कर ,मनुष्य अपना भविष्य भी खो देता है.
यदि आप चिंता ग्रस्त है तो आप भविष्य में रह रहे है
और यदि आपका यदि आप निराश है तो आप भूत में रह रहे है
मन शांत है तो यह इस बात का संकेत है कि आप वर्तमान में रह रहे है
जिसे भविष्य का भय नहीं वही आज के आनंद को अनुभव कर सकता है 

हमारा आज का काम हमारा वर्तमान है और हमारे काम का परिणाम ही भविष्य है। यानि कि वर्तमान के काम से ही भविष्य बनता है. भूत को रोने से अच्छा है कि हम भूत से यह सीख ले कि हमने क्या गलती की थी ,उस गलती को वर्त्तमान में सुधार ले , भविष्य स्वतः अच्छा हो जायेगा। भविष्य के अंधकार को वर्तमान के प्रयासों से ही दूर किया जा सकता है…. हाँ ,यह अवश्य सोचे कि मेरा आने वाला कल आज से बेहतर कैसे हो सकता है और जो सोच उभर कर सामने आये ,उसे क्रियान्वित करने में जुट जाएँ ,निश्चित रूप से आपका भविष्य वैसा ही होगा जैसा आपने सोचा था.





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