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पहलवान की ढोलक,फणीश्वर नाथ रेणु
4. पहलवान की ढोलक (फणीश्वर नाथ रेणु )
संकेत -अँधेरी रात चुपचाप …………. बाधा नहीं पड़ती थी
अँधेरी रात चुपचाप आँसू बहा रही थी। निस्तब्धता करुण सिसकियों और आहों को बलपूर्वक अपने हृदय में ही दबाने की चेष्टा कर रही थी। आकाश में तारे चमक रहे थे। पृथ्वी पर कहीं प्रकाश का नाम नहीं। आकाश से टूटकर यदि कोई भावुक तारा पृथ्वी पर जाना भी चाहता तो उसकी ज्योति और शक्ति रास्ते में ही शेष हो जाती थी। अन्य तारे उसकी भावुकता अथवा असफलता पर खिलखिलाकर हँस पड़ते थे।सियारों का क्रंदन और पेचक की डरावनी आवाज़ कभी -कभी निस्तब्धता को अवश्य भंग कर देती थी .गाँव की झोपड़ियों से कराहने और कै करने की आवाज़ ,हे राम ,हे भगवान की टेर अवश्य सुनाई पड़ती थी .बच्चे भी कभी-कभी निर्बल कंठों से माँ- माँ पुकारकर रो पड़ते थे .
प्र.1 प्रकृति भी गॉव के लोगों के दुःख से दुखी थी ,लेखक ने किस वाक्य से यह अनुभूति करने का प्रयास किया है –
(अ )पृथ्वी पर कहीं प्रकाश का नाम नहीं
(ब )अँधेरी रात चुपचाप आँसू बह रही थी
(स )निस्तब्धता करुण सिसकियों और आह
(द )सियार और पेचक की डरावनी आवाज़
उत्तर- (ब )अँधेरी रात चुपचाप आँसू बह रही थी
प्र.2रात की निस्तब्धता को कौन भंग करता था –
(अ )सियारों की चीख
(ब )पेचक की आवाजें
(स )कुत्तों का सामूहिक रोदन
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (द )उपर्युक्त सभी
प्र.3गॉव के लोग पशुओं की आवाजों का क्या अनुमान लगाते थे –
(अ ) तारा टूटने का
(ब ) प्रलय आने का
(स )किसी घर में मौत होने का
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )किसी घर में मौत होने का
प्र.4 कुत्तों की क्या विशेषता बतलाई है –
(अ )दिन को जागते है
(ब ) रात को भौकते है
(स )परिस्थिति को ताडने की
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )परिस्थिति को ताडने की
प्र.4 उक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है –
(अ )भक्तिन
(ब )बाजार दर्शन
(स )काले मेघा पानी दे
(द )पहलवान की ढोलक
उत्तर- (द )पहलवान की ढोलक
संकेत – वह कहा करता था ———–कुश्ती भी लड़ता था
प्र.1 लुट्ठन को होल इंडिया के लोग जानते थे,यहाँ होल इंडिया से आशय है –
(अ ) समस्त भारत
(ब ) गाँव भर के लोग
(स )श्याम नगर और आस-पास का इलाका
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )श्याम नगर और आस-पास का इलाका
प्र. 2 लुट्ठन का लालन-पालन किया था –
(अ ) सास ने
(ब ) राजा साहब ने
(स ) माता-पिता ने
(द ) उपर्युक्त सभी ने
उत्तर- (अ ) सास ने
प्र.3 सास को परेशान करनेवाले लोगों से बदला लेने के लिए लुट्ठन ने क्या किया –
(अ ) हथियार ख़रीदे
(ब ) कसरत करना सीखा
(स ) गिरोह तैयार किया
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब ) कसरत करना सीखा
प्र.4 वरना वह भी माँ -बाप का अनुसरण करता ,माँ- बाप का अनुसरण करने से क्या आशय है –
(अ ) माता-पिता जो कार्य करते थे ,वह भी वही कार्य करता
(ब ) असमय मृत्यु को प्राप्त हो जाता
(स ) माता-पिता के बताये रस्ते पर चलता
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब ) असमय मृत्यु को प्राप्त हो जाता
प्र.5 लुट्ठन कितने साल का था,जब उसके माँ -बाप मौत हुई थी –
(अ )सात वर्ष
(ब )आठ वर्ष
(स )नौ वर्ष
(द )दस वर्ष
उत्तर- (स ) नौ वर्ष
संकेत -एक बार वह दंगल देखने ————- बीच में दहाड़ता फिरता था .
और ढोल की ललकारती हुई आवाज ने उसकी नसों में बिजली उत्पन्न कर दी। उसने बिना कुछ सोचे-समझे दंगल में ‘शेर के बच्चे’ को चुनौती दे दी। ‘शेर के बच्चे’ का असल नाम था चाँद सिंह। वह अपने गुरु पहलवान बादल सिंह के साथ पंजाब से पहले-पहल श्यामनगर मेले में आया था। सुंदर जवान, अंग-प्रत्यंग से सुंदरता टपक पड़ती थी। तीन दिनों में ही पंजाबी और पठान पहलवानों के गिरोह के अपनी जोड़ी और उम्र के सभी पट्ठों को पछाड़कर उसने ‘शेर के बच्चे’ की टायटिल प्राप्त कर ली थी। इसलिए वह दंगल के मैदान में लैंगोट लगाकर एक अजीब किलकारी भरकर छोटी दुलकी लगाया करता था। देशी नौजवान पहलवान उससे लड़ने की कल्पना से भी घबराते थे। अपनी टायटिल को सत्य प्रमाणित करने के लिए ही चाँद सिंह बीच-बीच में दहाड़ता फिरता था।
प्र.1 लुट्ठन को किन बातों ने कुश्ती लड़ने के लिए प्रेरित किया –
(अ )पहलवानों की कुश्ती
(ब )पहलवानों के दाँव पेच
(स )ढोल की आवाज
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )ढोल की आवाज
प्र.2 चाँद सिंह को कौनसी उपाधि दी गई थी-
(अ )शेर-ए -पंजाब
(ब ) रूस्तम -ए -पंजाब
(स ) शेर का बच्चा
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स ) शेर का बच्चा
प्र.3 चाँद सिंह के गुरु का नाम था –
(अ ) बादल सिंह
(ब ) दारा सिंह
(स ) मलखान सिंह
(द ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (अ ) बादल सिंह
प्र.4 अपने टाइटल को प्रमाणित करने के लिए चाँद सिंह क्या उपक्रम कर रहा था –
(अ ) घूम-घूमकर हँस-रहा था
(ब ) अखाड़े के चारो ओर चक्कर लगा रहा था
(स ) दहाड़ -दहाड़कर चुनौती दे रहा था
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स ) दहाड़ -दहाड़कर चुनौती दे रहा था
प्र.5 एक बार वह दंगल देखने श्यामनगर गया ,इस वाक्य में वह किसके लिए प्रयुक्त हुआ है –
(अ ) चाँद सिंह के लिए
(ब ) बादल सिंह के लिए
(स ) लुट्ठन के लिए
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स ) लुट्ठन के लिए
संकेत -पंजाबी पहलवानों की जमायत ———भ्रम दूर कर दिया –
पंजाबी पहलवानों की जमायत चाँद सिंह की आँखें पोंछ रही थी। लुट्टन को राजा साहब ने पुरस्कृत ही नहीं किया, अपने दरबार में सदा के लिए रख लिया। तब से लुट्टन राज-पहलवान हो गया और राजा साहब उसे लुट्टन सिंह कहकर पुकारने लगे। राज-पंडितों ने मुँह पिचकाया-‘हुजूर! जाति का —–सिंह —-। ” मैनेजर साहब क्षत्रिय थे। ‘क्लीन-शेव्ड’ चेहरे को संकुचित करते हुए, अपनी शक्ति लगाकर नाक के बाल उखाड़ रहे थे। चुटकी से अत्याचारी बाल को रगड़ते हुए बोले-‘हाँ सरकार, यह अन्याय है!” राजा साहब ने मुसकुराते हुए सिर्फ इतना ही कहा-‘उसने क्षत्रिय का काम किया है।’ उसी दिन से लुट्टन सिंह पहलवान की कीर्ति दूर-दूर तक फैल गई। पौष्टिक भोजन और व्यायाम तथा राजा साहब की स्नेह-दृष्टि ने उसकी प्रसिद्ध में चार चाँद लगा दिए। कुछ वर्षों में ही उसने एक-एक कर सभी नामी पहलवानों को मिट्टी सुंघाकर आसमान दिखा दिया।
प्र.1 पंजाबी पहलवानी की जमायत किसके आँसू पोछ रही थी
(अ ) चाँद सिंह के
(ब ) बादल सिंह के
(स )लुट्टनसिंह के
(द ) सभी के
उत्तर- (अ ) चाँद सिंह के
प्र.2 हुजूर …. जाति का …… सिंह ,यह कथन किसने किससे कहा –
(अ) मैनेजर ने राजा साहब से
(ब) राज पंडितों ने ने राजा साहब से
(स) बादल सिंह ने राजा साहब से
(द) भीड़ ने राजा साहब से
उत्तर- (ब) राज पंडितों ने ने राजा साहब से
प्र.3 हुजूर …. जाति का …… सिंह ,यह कथन किसने किसके लिए कहा –
(अ ) मैनेजर ने लुट्ठन के लिए
(ब ) राज पंडितों ने लुट्ठन के लिए
(स ) चाँद सिंह ने लुट्ठन के लिए
(द )भीड़ ने लुट्ठन के लिए
उत्तर- (ब ) राज पंडितों ने लुट्ठन के लिए
प्र.4 हाँ सरकार यह अन्याय है ,यह कथन किसने किसके लिए कहा –
(अ ) मैनेजर ने लुट्ठन के लिए
(ब ) पुरोहित ने लुट्ठन के लिए
(स ) चाँद सिंह ने लुट्ठन के लिए
(द ) भीड़ ने लुट्ठन के लिए
उत्तर- (अ ) मैनेजर ने लुट्ठन के लिए
प्र.5 हाँ सरकार यह अन्याय है ,यह कथन किसने किससे कहा –
(अ) मैनेजर ने राजा साहब से
(ब) पुरोहित ने राजा साहब से
(स) बादल सिंह ने राजा साहब से
(द) भीड़ ने राजा साहब से
उत्तर- (अ) मैनेजर ने राजा साहब से
संकेत -किन्तु उसकी शिक्षा दीक्षा ———— मौका नहीं दिया गया
किंतु उसकी शिक्षा-दीक्षा, सब किए-किराए पर एक दिन पानी फिर गया। वृद्ध राजा स्वर्ग सिधार गए। नए राजकुमार ने विलायत से आते ही राज्य को अपने हाथ में ले लिया। राजा साहब के समय शिथिलता आ गई थी, राजकुमार के आते ही दूर हो गई। बहुत-से परिवर्तन हुए। उन्हीं परिवर्तनों की चपेटाघात में पड़ा पहलवान भी। दंगल का स्थान घोड़े की रेस ने लिया। पहलवान तथा दोनों भावी पहलवानों का दैनिक भोजन-व्यय सुनते ही राजकुमार ने कहा-“टैरिबुल!” नए मैनेजर साहब ने कहा ‘ ” पहलवान को साफ जवाब मिल गया, राज-दरबार में उसकी आवश्यकता नहीं। उसको गिड़गिड़ाने का भी मौका नहीं दिया गया।
प्र.1 पहलवान के किये कराये पर पानी फिर गया ,कब –
(अ ) जब पत्नी की मृत्यु हो गई
(ब ) जब राजा साहब की मृत्यु हो गयी
(स ) जब सासू की मृत्यु हो गई
(द ) जब दोनों बेटों की की मृत्यु हो गई
उत्तर- (ब ) जब राजा साहब की मृत्यु हो गयी
प्र.2 राजकुमार द्वारा राज सत्ता संभालने पर लुट्ठन के साथ क्या घटित हुआ –
(अ ) लुट्टन का हुक्का-पानी बंद हो गया
(ब ) उसे सुविधा मिलाना बंद हो गया
(स )लुट्ठन को राज्याश्रय मिलाना बंद हो गया
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )लुट्ठन को राज्याश्रय मिलाना बंद हो गया
प्र.3 राजकुमार को किसका शौक था –
(अ )शिकार
(ब ) नृत्य देखने का
(स )कुश्ती देखने का
(द ) घुड़सवारी का
उत्तर- (द ) घुड़सवारी का
प्र.4 पहलवानी पर होने वाले खर्च को देखकर मैनेजर ने क्या कहा –
(अ ) टैरिबुल बुल
(ब ) हारिबुल
(स ) खतरनाक
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब ) होरिबुल
प्र.5 पहलवानी पर होने वाले खर्च को देखकर राजकुमार ने क्या कहा –
( अ ) टैरिबुल बुल
(ब ) हारिबुल
(स )खतरनाक
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- ( अ ) टैरिबुल बुल
संकेत -रात्रि की विभीषिका को ———– मारो ,बहादुर
रात्रि की विभीषिका को सिर्फ पहलवान की ढोलक ही ललकारकर चुनौती देती रहती थी। पहलवान संध्या से सुबह तक, चाहे जिस खयाल से ढोलक बजाता हो, किंतु गाँव के अर्द्ध मृत , औषधि-उपचार-पथ्य-विहीन प्राणियों में वह संजीवनी शक्ति ही भरती थी। बूढ़े-बच्चे-जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे दंगल का दृश्य नाचने लगता था। स्पंदन-शक्तिशून्य स्नायुओं में भी बिजली दौड़ जाती थी। अवश्य ही ढोलक की आवाज में न तो बुखार हटाने का कोई गुण था और न महामारी की सर्वनाश शक्ति को रोकने की शक्ति ही, पर इसमें संदेह नहीं कि मरते हुए प्राणियों को आँख मूंदते समय कोई तकलीफ़ नहीं होती थी, मृत्यु से वे डरते नहीं थे।
प्र.1 रात्रि को गॉव के लोगों को कौन सहारा देता था
(अ ) कुत्तों का भौकना
(ब ) पेचक की आवाजें
(स ) पहलवान की ढोलक
(द ) सियारों की आवाजें
उत्तर- (स ) पहलवान की ढोलक
प्र.2 लुट्ठन की ढोलक का क्या प्रभाव होता था –
(अ )दंगल का दृश्य नाचने लगता था
(ब ) शून्य स्नायुओं में बिजली दौड़ जाया करती थी
(स )मृत्यु से डर नहीं लगता था
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (द )उपर्युक्त सभी
प्र.3 उठा पटक वाला ढोल बजने की इच्छा किसने व्यक्त की –
(अ )लुट्ठन के बेटों ने
(ब ) गाँव के लोगों ने
(स )राजा साहब ने
(द )उपर्युक्त सभी ने
उत्तर- (अ )लुट्ठन के बेटों ने
प्र.4 मारो बहादुर ,यह शब्द किसके थे –
(अ )भीड़ के
(ब ) लुट्ठन के
(स )बादल सिंह के
(द ) राजा साहब के
उत्तर- (ब ) लुट्ठन के
प्र.5 लुट्ठन ढोलक बजता था –
(अ ) सुबह से दुपहर तक
(ब ) दुपहर से शाकं तक
(स ) संध्या से सुबह तक
(द ) हर समय
उत्तर- (स ) संध्या से सुबह तक
संकेत -उस दिन पहलवान ने ———-वह आगे बोल नहीं सका .
उस दिन पहलवान ने राजा श्यामानंद की दी हुई रेशमी जाँघिया पहन ली। सारे शरीर में मिट्टी मलकर थोड़ी कसरत की, फिर दोनों पुत्रों को कंधों पर लादकर नदी में बहा आया। लोगों ने सुना तो दंग रह गए। कितनों की हिम्मत टूट गई। किंतु, रात में फिर पहलवान की ढोलक की आवाज प्रतिदिन की भाँति सुनाई पड़ी। लोगों की हिम्मत दुगुनी बढ़ गई। संतप्त पिता-माताओं ने कहा-‘दोनों पहलवान बेटे मर गए, पर पहलवान की हिम्मत तो देखो, डेढ़ हाथ का कलेजा है!” चार-पाँच दिनों के बाद। एक रात को ढोलक की आवाज नहीं सुनाई पड़ी। ढोलक नहीं बोली। पहलवान के कुछ दिलेर, किंतु रुग्ण शिष्यों ने प्रातरूकाल जाकर देखा-पहलवान की लाश ‘चित’ पड़ी है। आँसू पोंछते हुए एक ने कहा-‘गुरु जी कहा करते थे कि जब मैं मर जाऊँ तो चिता पर मुझे चित नहीं, पेट के बल सुलाना। मैं जिंदगी में कभी ‘चित ‘नहीं हुआ। और चिता सुलगाने के समय ढोलक बजा देना।’ वह आगे बोल नहीं सका।
प्र.1 किस घटना से लोगों की हिम्मत टूट गई
(अ ) राजा साहब की मौत की खबर से
(ब ) लुट्टन की मौत की खबर से
(स ) पहलवान के दोनों बेटों की खबर सुनकर
(द ) उपर्युक्त सभी से
उत्तर- (स ) पहलवान के दोनों बेटों की खबर सुनकर
प्र.2 किस घटना से लोगों की हिम्मत दुगनी हो गयी –
(अ ) लुट्टन का महामारी में चपेट में न आने से
(ब ) बेटों की तरह लुट्टन की मौत न होने से
(स )लुट्ठन की ढोलक की आवाज सुनकर
(द ) उपर्युक्त सभी से
उत्तर- (स )लुट्ठन की ढोलक की आवाज सुनकर
प्र.3 मैं जिन्दगी कभी चित्त नहीं हुआ ,यह शब्द किसके थे –
(अ )चाँद सिंह के
(ब ) लुट्ठन के
(स ) बादल सिंह के
(द ) काले खां के
उत्तर- (ब ) लुट्ठन के
प्र.4 लुट्ठन की अंतिम इच्छा क्या थी –
(अ )मरने के बाद पहलवान के रूप में याद किया जाये
(ब )ढोलक बजा दी जाये
(स )चिता पर पेट के बल लिटाया जाये
(द )ढोलक बजा दी जाये और चिता पर पेट के बल लिटाया जाये
उत्तर- (द )ढोलक बजा दी जाये और चिता पर पेट के बल लिटाया जाये
प्र.5 उक्त गद्यांश जिस पाठ से लिया गया है ,इसके लेखक है –
(अ ) महादेवी वर्मा
(ब ) जैनेंद्र
(स ) धर्मवीर भारती
(द ) फणीश्वरनाथ रेणु
उत्तर- (द ) फणीश्वरनाथ रेणु
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