12cbse,harivansh roy bachchan,aatmparichay,din jaldi jaldi dhalata hai,आत्मपरिचय,दिन जल्दी -जल्दी ढलता है,हरिवंश राय बच्चन
हरिवंश राय बच्चन
(क) आत्मपरिचय -हरिवंश राय बच्चन
1.
मैं जग जीवन का मार लिए फिरता हूँ,
फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ;
कर दिया किसी ने प्रकृत जिनको छूकर
मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हुँ !
मैं स्नेह-सुरा का पान किया कस्ता हूँ,
में कभी न जग का ध्यान किया करता हुँ,
जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,
मैं अपने मन का गान किया करता हूँ !
प्रश्न-1 जगजीवन का भार लिए फिरने से कवि का क्या आशय हैं?
(अ) दुनिया की ज़िम्मेदारी स्वयं उठाना
(ब )दुनिया के दुःख को अपना दुःख मानना
(स )सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वाह करना
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वाह करना
प्रश्न-2 ‘स्नेह-सुरा’ से कवि का क्या आशय हैं?
(अ)मदिरा में डूबा प्रेम
(ब ) प्रेम रुपी मदिरा
(स ) स्नेह से बनी मदिरा
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब ) प्रेम रुपी मदिरा
प्रश्न-3 जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते किसके लिए प्रयुक्त हुआ है –
(अ)जो प्रेम के अतिरिक्त अन्य विषयों पर काव्य सृजन करते है
(ब ) जो प्रेम के अतिरिक्त सामाजिक विषयों पर काव्य सृजन करते है
(स ) जो प्रेम के अतिरिक्त देश प्रेम पर काव्य सृजन करते है
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(अ)जो प्रेम के अतिरिक्त अन्य विषयों पर काव्य सृजन करते है
प्रश्न-4 ‘साँसों के तार’ से कवि का क्या तात्पर्य हैं?
(अ)दो तारों से जुडा जीवन
(ब ) जीवन
(स ) तार से बंधी ज़िन्दगी
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(ब ) जीवन
2.
मैं निज उर के उद्गार लिए फिरता हूँ
मैं निज उर के उपहार लिए फिरता हूँ
है यह अपूर्ण संसार न मुझको भाता
मैं स्वप्नों का संसार लिए फिरता हूँ।
मैं जला हृदय में अग्नि, दहा करता हूँ
सुख-दुख दोनों में मग्न रहा करता हूँ,
जग भव-सागर तरने की नाव बनाए,
मैं भव-मौजों पर मस्त बहा करता हूँ।
प्रश्न- 1 कवि के ह्रदय में कौन-सी अग्नि जल रही हैं?
(अ) विरह की
(ब ) ईर्ष्या की
(स ) यादों की
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(अ) विरह की
प्रश्न- 2 कवि का ‘निज उद्गार व उपहार’ क्या हैं?
(अ) धन दृसम्पति
(ब ) प्रेम
(स ) मन के मनोभाव
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब ) प्रेम
प्रश्न- 3 कवि को कौनसा संसार अच्छा नहीं लगता?
(अ) भूख दृगरीबी का संसार
(ब ) ईर्ष्या दृद्वेष का संसार
(स )प्रेम रहित संसार
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )प्रेम रहित संसार
प्रश्न- 4 कवि सुख दृदुःख में किस स्थिति में रहता है –
(अ) अस्थिर
(ब ) स्थिर
(स )मग्न
(द ) उपर्युक्त सभी स्थिति में
उत्तर- 3. (स )मग्न
मैं यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ,
उन्मादाँ’ में अवसाद लिए फिरता हुँ,
जो मुझको बाहर हँसा, रुलाती भीतर,
मैं , हाय, किसी की याद लिए फिरता हुँ !
कर यत्न मिटे सब, सत्य किसी ने जाना?
नादान वहीं हैं, हाथ, जहाँ पर दाना!
फिर मूढ़ न क्या जग, जो इस पर भी सीखे?
मैं सीख रहा हुँ, सीखा ज्ञान भुलाना !
प्रश्न-1 उन्मादो में अवसाद से क्या आशय है –
(अ) उन्माद में मिला हुआ अवसाद
(ब ) प्रसन्नता के भीतर दुःख छुपा होना
(स ) उन्माद के साथ दृसाथ अवसाद होना
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब ) प्रसन्नता के भीतर दुःख छुपा होना
प्रश्न-2 जीवन सत्य को न जाननेवाले को कवि ने क्या कहा है –
(अ) मूर्ख
(ब ) अज्ञानी
(स )नादान
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स )नादान
प्रश्न-3 दाना किसे कहा है –
(अ) अनाज के दानों को
(ब ) प्रलोभन को
(स )भौतिक पदार्थों को
(द ) उपर्युक्त सभी को
उत्तर- (स )भौतिक पदार्थों को
प्रश्न-4 कवि क्या सीख रहा है –
(अ) प्रेम करना
(ब ) समझौता करना
(स ) सीखा हुआ ज्ञान भुलाना
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स ) सीखा हुआ ज्ञान भुलाना
प्रश्न-5 चहरे की प्रसन्नता और भीतर के दुःख को कवि ने किन शब्दों में अभिव्यक्त किया है –
(अ)अन्दर दृबाहर
(ब ) बाहर दृभीतर
(स ) बाह्य-आतंरिक
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (द ) उपर्युक्त सभी
4.
मैं और, और जग और, कहाँ का नाता,
मैं बना-बना कितने जग रोज मिटाता,
जग जिस पृथ्वी पर जोड़ा करता वैभव,
मैं प्रति पग से उस पृथ्वी को ठुकराता!
मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ,
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ,
हों जिस पर भूपों के प्रासाद निछावर,
मैं वह खंडहर का भाग लिए फिरता हूँ।
प्रश्न-1 कवि संसार के साथ अपना नाता क्यों नहीं मानता –
(अ )विचारों की असमानता के कारण
(ब )संसार के दुहरे चरित्र के कारण
(स )जीवन उद्देश्य अलग-अलग होने के कारण
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(स )जीवन उद्देश्य अलग-अलग होने के कारण
प्रश्न-2 कवि ने किसे बार दृबार मिटाने दृबनाने की बात कही है –
(अ )सपनों के संसार को
(ब )दौलत की दुनिया को
(स )प्रेम की दुनिया को
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(अ )सपनों के संसार को
प्रश्न -3 ‘शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ’ दृ
उक्त पंक्ति में शीतल वाणी और आग किसके प्रतीकार्थक है –
(अ ) आध्यात्मिकता और संसारिकता
(ब ) प्रेम और विद्रोह के
(स ) विनम्रता और क्रोध के
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब )प्रेम और विद्रोह के
प्रश्न-4 कविने अपने ह्रदय की तुलना किससे की है –
(अ ) महल से
(ब ) सम्राट से
(स ) खँडहर से
(द ) उपर्युक्त सभी से
उत्तर-(स )खँडहर से
5.
मैं रोया, इसको तुम कहते हो गाना,
मैं फूट पडा, तुम कहते, छंद बनाना,
क्यों कवि कहकर संसार मुझे अपनाए,
मैं दुनिया का हूँ एक क्या दीवाना”
मैं दीवानों का वेश लिए फिरता हूँ
मैं मादकता निरू शेष लिए फिरता ही
जिसकी सुनकर झूमे , झुके; लहराए,
मैं मस्ती का संदेश लिए फिरता हुँ
प्रश्न-1 कवि के रोदन को लोग क्या कहते है -?
(अ ) प्रहसन
(ब ) छंद
(स ) गाना
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स ) गाना
प्रश्न-2 कवि स्वयं को क्या कहलाना पसंद नहीं –
(अ ) दीवाना
(ब ) कवि
(स ) श्रेष्ट
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(ब ) कवि
प्रश्न-3 कवि ने स्वयं को क्या बतलाया –
(अ ) श्रेष्ट कवि
(ब ) दीवाना
(स ) हताश-निराश
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(ब ) दीवाना
प्रश्न-4 कवि किसका संदेश लिए फिरता हैं-
(अ ) समानता का
(ब ) मानवता का
(स ) प्रेम का
(द ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(स ) प्रेम का
1-दिन जल्दी -जल्दी ढलता है (हरिवंश राय बच्चन )
हो जाए न पथ में रात कहीं,
मंजिल भी तो है दूर नहीं-
यह सोच थका दिन का पथ भी जल्दी-जल्दी चलता हैं!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है !
प्रश्न-1पथिक किस बात से आशंकित है
(अ)रात्रि के अन्धकार से
(ब) मार्ग में लुटेरों से
(स) प्रिय मिलन से वंचित रह जाने की आशंका से
(द )उपर्युक्त सभी
उत्तर -(स) प्रिय मिलन से वंचित रह जाने की आशंका से
प्रश्न-2 प्रिय मिलन की कामना का पथिक पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
(अ)बैचेनी बढ़ जाती है
(ब)पैरों की गति बढ़ जाती है
(स) मानसिक संतुलन खो बैठता है
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (ब)पैरों की गति बढ़ जाती है
प्रश्न-3 थके होने के उपरांत भी तेज़ गति से चलना पथिक के किस मनोभाव को प्रकट करता है ?
(अ) प्रसन्नता को
(ब) अति आत्म विश्वास को
(स) उत्साह को
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (स) उत्साह को
प्रश्न-4 उक्त काव्यांश किस कविता से उद्धरित है
(अ) दिन जल्दी ढलता है
(ब) कविता के बहाने
(स)पतंग
(द )उपर्युक्त में से किसी से नहीं
उत्तर-(अ) दिन जल्दी ढलता है
2- बच्चें प्रत्याशा में होंगे
नीड़ों से झांक रहे होंगे
यह ध्यान परों में भरता कितनी चंचलता है
दिन जल्दी-जल्दी ढलता हैं!
प्रश्न-1 बच्चे किसका इंतजार कर रहे होंगे ें?
(अ) पक्षी माँ का
(ब) पक्षी पिता का
(स) पक्षी माता-पिता का
(द) उपर्युक्त में से किसी का नहीं
उत्तर- (अ) दिन जल्दी ढलता है
प्रश्न-2 चिड़िया किस -श्य की कल्पना करती है ?
(अ) उसके बच्चे घोसले मुँह बाहर निकाले प्रतीक्षा कर रहे है
(ब) उसके बच्चे घोसले मुँह बाहर ची-ची कर रहे है
(स) उसके बच्चे घोसले में आपस में लड़-झकड़ रहे है
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर- (अ) उसके बच्चे घोसले मुँह बाहर निकाले प्रतीक्षा कर रहे है
प्रश्न-3 चिड़िया के परों में गति आने का क्या कारण हैं ?
(अ) अपने बच्चो का स्मरण
(ब)बच्चों के प्राणों की आशंका
(स) दूसरे पक्षी उसके अण्डों को न खा जाये
(द)उपर्युक्त सभी
उत्तर-(अ) अपने बच्चो का स्मरण
प्रश्न-4 उक्त काव्यांश किस कविता से उद्धरित है
(अ) दिन जल्दी ढलता है
(ब) कविता के बहाने
(स)पतंग
(द) बात सीधी थी
उत्तर- (अ) दिन जल्दी ढलता है
प्रश्न-5 उक्त काव्यांश के कवि है
(अ) आलोक धन्वा
(ब)रघुवीर सहाय
(स)कुंवर नारायण
(द) हरि वंश राय बच्चन
उत्तर- (द) हरि वंश राय बच्चन
3.
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल ?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को,
भरता उर में विहवलता हैं!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
1-मुझे मिलने को कौन विकल ,इस पंक्ति में मुझे किसके लिए प्रयुक्त हुआ है –
(अ )-कवि के लिए
(ब )-पथिक के लिए
(स )-चिड़िया के लिए
(द )-एकाकी मनुष्य के लिए
उत्तर-(अ )-कवि के लिए
2- उक्त काव्यांश में चंचल शब्द का अर्थ होगा –
(अ )- शरारती
(ब )-उत्साहित
(स )-बाल वृति
(द )-उपर्युक्त सभी
उत्तर-(ब )-उत्साहित
3- उक्त काव्यांश किस कविता का अंश है
(अ )- कविता के बहाने
(ब )-दिन जल्दी जल्दी ढलता है
(स )-कैमरे में बंद अपाहिज
(द )-सहर्ष स्वीकारा है से
उत्तर-(ब )-दिन जल्दी जल्दी ढलता है
4- पद शिथिल होने से क्या आशय है ?
(अ )- गति मंद हो जाना
(ब )-हतोत्साहित हो जाना
(स )-अत्यधिक थक जाना
(द )-उपर्युक्त सभी
उत्तर-(अ )- गति मंद हो जाना
5- कौनसा भाव कवि के ह्रदय को वेदना से भर देता है
(अ )-एकाकी जीवन की पीड़ा से
(ब )-लोगों के उपेक्षित व्यवहार से
(स )-जीवन के दुखों से
(द )–उपर्युक्त सभी
उत्तर-(अ )-एकाकी जीवन की पीड़ा से
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