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12th UP

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September 8, 2022
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पवन दूतिका,अयोध्या सिंह उपाध्याय (हरिऔध)     

पद्य भाग की व्याख्या और प्रश्न

पवन दूतिका                                                                                                                            

अयोध्या सिंह उपाध्याय (हरिऔध)

निर्देश: पद्य भाग में आपकों पद्य पाठों में से कोई दो पद्यांश दिये जाएगे, आपको अपनी सुविधा के अनुसार एक ही पद्यांश चुनना है, पद्यांश में दो-दो अंक के पाँच प्रश्न होगे, इनमें से एक प्रश्न में पाठ एवं कवि का नाम पूछा जाएगा, एक प्रश्न में रेखांकित पंक्ति की व्याख्या करना है, शेष तीन प्रश्न पद्यांश से संबंधित होगे।

।ण्1        बैठी खिन्ना यक ………………………… काल की क्रूरता से

बैठी खिन्ना यक दिवस वे गेह में थीं अकेली।

आके आँसू दृग-युगल में थे धरा को भिगोते।।

आई धीरे इस सदन में पुष्प-सद्गन्ध को ले।

प्रातरूवाली सुपवन इसी काल वातयनों से।।

सन्तापों को विपुल बढ़ता देख के दुःखिता हो।

धीरे बोली स-दुख उससे श्रीमती राधिका यो।।

प्यारी प्रातरू पवन इतना क्यों मुझे है सताती।

क्या तू भी है कलुषित हुई काल की क्रूरता से।।

प्रश्न-1     कविता का शीर्षक और कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/ अयोध्या सिंह।

प्रश्न-2     उक्त काव्यांश में किससे-किससे कहॉं ?

उत्तर     राधा ने पवन से कहा।

प्रश्न-3     राधा ने पवन से क्या कहा?

उत्तर     राधा ने पवन से कहा कि तू मेरा दुःख बढ़ाने क्यों चली आई।

प्रश्न-4     ‘क्या तू भी कलुषित हुई काल की क्रूरता से’ ऐसा कहने से राधा का क्या आशय है?

उत्तर     राधा के लिए समय क्रूर हो गया है, इसी भॉंति पवन भी काल के समान क्रूर होकर पीडित कर रही है।

प्रश्न-5     उक्त काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार बतलाइए?

उत्तर     उक्त काव्यांश में अनुप्रास और मानवीकरण अंलकार प्रयुक्त हुए है।

ठण्2       मेरे प्यार नव ………………………… जा न विश्राम लेना।

2 मेरे प्यार नव जलद से कंज से नेत्रवाले।

जाके आए न मधुबन से औ न भेजा सँदेसा।।

मैं रो रो के प्रिय-विरह से बावली हो रही हूँ।

जा के मेरी सब दुरूख कथा श्याम को तू सुना दे।

ज्यों ही मेरा भवन तज तू अल्प आगे बढ़ेगी।

शोभावाली सुखद कितनी मंजु कँजें मिलेंगी।

प्यारी छाया मृदुल स्वर से मोह लेंगी तुझे वे।

तो भी मेरा दुःख लख वहाँ जा न विश्राम लेना।।

प्रश्न-1     राधा ने दूतिका के समक्ष अपनी किस स्थिति का वर्णन किया है?

उत्तर     राधा बताती है कि कृष्ण ब्रज छोड़ने के बाद न पुनः लौटे और न उन्हांेने कोई सन्देश दिया उनके वियोग में मेरी दशा दयनीय हो गई है।

प्रश्न-2     राधा ने दूतिका से क्या कहा?

उत्तर     राधा ने दूतिका से कहा कि तुम श्री कृष्ण को मेरी स्थिति से अवगत कराना।

प्रश्न-3     राधा ने मार्ग में किस आकर्षण से बचने के लिए कहा ?

उत्तर     राधा ने मार्ग में मिलने वाले कुंज और पक्षियों के कलरव के आकर्षण से बचने के लिए कहा।

प्रश्न-4     कविता का शीर्षक और कवि का नाम बतलाइए ?

उत्तर     पवन दूतिका/ अयोध्यासिंह उपाध्याय।

प्रश्न-5     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार बतलाइए।

उत्तर     काव्यांश में प्रयुक्त  अलंकार है- उपमा, मानवीकरण।

ब्ण्3        थोड़ा आगे सरस ………………………… हर्षितों सा बनाना।

3 थोड़ा आगे सरस रव का धाम सत्पुष्पवाला।

अच्छे-अच्छे बहु द्रुम लतावान सौन्दर्यशाली।।

वृन्दाविपिन मन को मुग्धकारी मिलेगा।

आना जाना इस विपिन से मुह्यमाना न होना।।

जाते जाते अगर पथ में क्लान्त कोई दिखावे।

तो जा के सन्निकट उसकी क्लान्तियों को मिटाना।।

धीरे-धीरे परस करके गात उत्ताप खोना।

सद्गन्धों से श्रमित जन को हर्षितों सा बनाना।।

प्रश्न-1     राधा ने दूतिका से किस कार्य के लिए मना किया?

उत्तर     राधा ने दूतिका को वन की सुन्दरता पर मोहित होने से मना किया।

प्रश्न-2     राधा ने पथिक के साथ कैसा व्यवहार करने के लिए कहा ?

उत्तर     राधा ने कहा कि पथिक के समीप जाकर अपनी शीतलता से उसका दुःख सन्ताप दूर कर देना।

प्रश्न-3     उक्त काव्यांश में राधा का कौनसा रूप उभरता है ?

उत्तर     उक्त काव्यांश में राधा का अपनी व्यक्तिगत पीड़ा को भुलाकर परहित की भावना का रूप उभरा है।

प्रश्न-4     कविता का शीर्षक और कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/अयोध्या सिंह उपाध्याय

प्रश्न-5     काव्यांश में व्यक्त अलंकार बतलाइए ?

उत्तर     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार है- अनुप्रास और पुनरिूक्त प्रकाश अलंकार।

क्ण्4       लज्जा शीला पथिक ………………………… भूतांगना को

4 लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आए।

होने देना विकृत-वसना तो न तू सुन्दरी को।।।

जो थोड़ी भी श्रमित वह हो, गोद ले श्रान्ति खोना।

होठों की औ कमल-मख की म्लानताएँ मिटाना।।

कोई क्लान्ता कृषक-ललना खेत में जो दिखावे।

धीरे-धीरे परस उसकी क्लान्तियों को मिटाना।।

जाता कोई जलद यदि हो व्योम में तो उसे ला।

छाया द्वारा सुखित करना तप्त भूतांगना को।।

प्रश्न-1     उक्त काव्यांश का शीर्षक एवं कवि का नाम लिखिए?

उत्तर     पवन दूतिका/अयोध्या सिंह उपाध्याय।

प्रश्न-2     राधा ने पथिक महिला के साथ कैसा व्यवहार करने की सलाह दी?

उत्तर     राधा पवन दूतिका से पथिक महिला के वस्त्र न उडाने तथा थकी हुई दिखाई देने पर थकान मिटाकर उसके चेहरे और होठों की मलीनता दूर करने के लिए कहती है।

प्रश्न-3     राधा ने श्रमिक महिला के साथ कैसा व्यवहार करने की सलाह दी?

उत्तर     राधा पवन दूतिका से कहती है कि कृषक स्त्री की थकान मिटाने के लिए बादलों की शीतल छाया प्रदान कर आराम पहुॅंचाना।

प्रश्न-4     उक्त काव्यांश से राधा की कौनसी विशेषता प्रकट हुई है?

उत्तर     उक्त काव्यांश से व्यक्तिगत दुःख को भुलाकर परहित का ध्यान रखने की विशेषता प्रकट हुई है।

प्रश्न-5     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार को नाम लिखिए।

उत्तर     रूपक और मानवीकरण अलंकार प्रयुक्त हुए है।

म्ण्5        जाते-जाते पहुॅंचें ………………………… हो-हो बजाना।

5 जाते-जाते पहुँच मथुरा-धाम में उत्सुका हो।

न्यारी शोभा वर नगर की देखना मुग्ध होना।

तू होवेगी चकित लख के मेरु से मन्दिरों को।

आभावाले कलश जिनके दूसरे अर्क से हैं।

देखे पूजा समय मथुरा मन्दिरों मध्य जाना।।

नाना वाद्यों मधुर स्वर की मुग्धता को बढ़ाना।

किंवा लेके रुचिर तरु के शब्दकारी फलों को।

धीरे-धीरे मधुर रव से मुग्ध हो-हो बजाना।

प्रश्न-1     उक्त काव्यांश का शीर्षक एवं कवि का नाम लिखिए?

उत्तर     पवन दूतिकां/अयोध्या सिंह उपाध्याय।

प्रश्न-2     राधा ने मथुरा के बारे में क्या विशेषता बतलाई?

उत्तर     राधा ने कहा कि अयोध्या नगरी की अद्भुत शोभा देखकर तुम्हारी स्वयं की उसे देखने की उत्सुकता बढ़ जाएगी।

प्रश्न-3     राधा ने आरती के समय क्या करने के लिए कहा?

उत्तर     राधा ने कहा कि मंदिर में बजने वाले वाद्यों की मधुरता को अपना स्वर प्रदान करके उनकी मधुरता और बढ़ा देना।

प्रश्न-4     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकारों के नाम लिखिए?

उत्तर     उपमा और अनुप्रास प्रयुक्त हुए है।

थ्ण्6        तू देखेगी जलद ………………………… फूटती सी प्रभा है।

6 तू देखेगी जलद तन को जा वहीं तद्गता हो।

होंगे लोने नयन उनके ज्योति-उत्कीर्णकारी।

मुद्रा होगी वर वदन की मूर्ति-सी सौम्यता की।

सीधे-सीधे वचन उनके सिक्त होंगे सुधा से।।।

नीले फूले कमल दल-सी गात की श्यामता है।

पीला प्यारा वसन कटि में पैन्हते हैं फबीला।

छूटी काली अलक मुख की कान्ति को है बढ़ाती।

सदवस्त्रों में नवल तन की फटती-सी प्रभा है।

प्रश्न-1     उक्त काव्यांश का शीर्षक एवं कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/ अयोध्या सिंह उपाध्याय।

प्रश्न-2     राधा ने पवन दूतिका को श्री कृष्ण की क्या पहचान बतलाई?

उत्तर     राधा ने पवन दूतिका को बतलाया कि श्री कृष्ण श्याम वर्ण के है, ऑंखों से प्रकाश निकलता हुआ है, मुख सौम्य मूर्ति सा होगा, पीले वस्त्र धारण किये हुए होगें।

प्रश्न-3     राधा ने पवन दूतिका को श्री कृष्ण का मुख किसके समान बतलाया है?

उत्तर     राधा ने श्री कृष्ण के मुख को सौम्य मूर्ति के समान बतलाया है।

प्रश्न-4     राधा ने पवन दूतिका को श्री कृष्ण के शरीर की क्या विशेषता बतलाई?

उत्तर     राधा ने श्री कृष्ण को नील कमल के समान श्यामल वर्ण वाला बतलाया।

प्रश्न-5     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकारों के नाम बतलाइए?

उत्तर     उपमा, रूपक और अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है।

ळण्7      सॉंचे ढाला ………………………… कंठ होगा।

7 साँचे ढाला सकल वपु है दिव्य सौन्दर्यशाली।

सत्पुष्पों-सी सुरभि उसकी प्राण-सम्पोषिका है।

दोनों कन्धे वृषभ-वर-से हैं बड़े ही सजीले।

लम्बी बाँहें कलभ-कर-सी शक्ति की पेटिका हैं।

राजाओं-सा शिर पर लसा दिव्य आपीड़ होगा।।

शोभा होगी उभय श्रुति में स्वर्ण के कुण्डलों की।

नाना रत्नाकलित भुज में मंजु केयूर होंगे।

मोतीमाला लसित उनका कम्बु-सा कण्ठ होगा।

प्रश्न-1     राधा ने श्री कृष्ण की देह की क्या विशेषता बतलाई ?

उत्तर     श्री कृष्ण का सारा शरीर सॉंचे में ढली मूर्ति के समान सुडौल एवं देवताओं जैसी अलौकिक कान्ति से युक्त सौन्दर्य सम्पन्न है।।

प्रश्न-2     श्री कृष्ण की देह से निकलने वाली सुगन्ध कैसी है?

उत्तर     श्री कृष्ण की देह फूलों की सुगंध के समान प्राणों का पोषण करने वाली है अर्थात् मन को प्रफुल्लित और आनन्दित करने वाली है।

प्रश्न-3     श्री कृष्ण के कन्धे एवं भुजाएॅं किसके समान है?

उत्तर     श्री कृष्ण के कन्धे बैल के कन्धे के समान बलिष्ठ है तथा भुजाएॅं हाथी की सूॅंड़ के समान है?

प्रश्न-4     कविता का शीर्षक एवं कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/अयोध्या सिंह उपाध्याय।

प्रश्न-5     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार बतलाइए?

उत्तर     उपमा एवं अनुप्रास अलंकार।

प्रश्न-6     राधा ने श्री कृष्ण के मुकुट, कान, भुजा एवं गर्दन के बारे में क्या बतलाया ?

उत्तर     राधा ने पवन दूतिका को बतलाया कि श्री कृष्ण के सिर पर अलौकिक कान्ति युक्त मुकुट सुशेभित होगा। कानों में कुण्डल होंगे भुजाओं में रत्न मंडित भुजबन्ध होंगे, शंख जैसी गर्दन में मोतियों की माला सुशोभित हो रही होगी।

भ्ण्8        तेरे में है ………………………… सकेगी हमारी।।

8 तेरे में है न यह गुण जो तू व्यथाएँ सुनाए।

व्यापारों को प्रखर मति औ युक्तियों से चलाना।

बैठे जो हों निज सदन में मेघ-सी कान्तिवाले।

तो चित्रों को इस भवन के ध्यान से देख जाना।

जो चित्रों में विरह-विधुरा का मिले चित्र कोई।

तो जा जाके निकट उसको भाव से यों हिलाना।

प्यारे हो के चकित जिससे चित्र की ओर देखें।

आशा है यों सुरति उनको हो सकेगी हमारी।।

प्रश्न-1     राधा ने पवन दूतिका को मुख से न समझा पाने पर किस तरह समझाने का उपाय बतलाया?

उत्तर     मुख से न समझा पाने पर अपना सन्देश विभिन्न क्रिया व्यापारों के द्वारा समझाने का उपाय बतलाया।

प्रश्न-2     श्री कृष्ण का ध्यान चित्रों की ओर दिलाने के लिए राधा ने दूतिका को क्या उपाय बतलाया?

उत्तर     किसी दुःखी स्त्री वाले चित्र को हिलाने का उपाय बतलाया ताकि उस दुखी स्त्री को देखकर उन्हे मेरा स्मरण हो आए।

प्रश्न-3     बगीचे के चित्र की ओर ध्यान दिलाने से राधा का क्या आशय है?

उत्तर     व्याकुल प्राणियों के देखकर श्री कृष्ण को ब्रज के व्याकुल प्राणियों का स्मरण हो आएगा।

प्रश्न-4     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार बतलाइए?

उत्तर     उपमा एवं अनुप्रास अलंकार।

प्रश्न-5     कविता का शीर्षक एवं कवि का नाम बतलाइए।

उत्तर     पवन दूतिका/ अयौध्या सिंह उपाध्याय।

प् 9 जो कोई भी इस ३३३३३३३३३ण्को चूमना चाहती है।

9 जो कोई भी इस सदन में चित्र उद्यान का हो।

औ हों प्राणी विपुल उसमें घूमते बावले से।

तो जाके सन्निकट उसके औ हिला के उसे भी।

देवात्मा को सुरति ब्रज के व्याकुलों की कराना।

कोई प्यारा कुसुम कुम्हला गेह में जो पड़ा हो।

तो प्यारे के चरण पर ला डाल देना उसी को।

यों देना ऐ पवन बतला फूल-सी एक बाला।

म्लाना हो हो कमल-पग को चूमना चाहती है।

१२ हिंदी  उण्प्रण्

प्रश्न-4     काव्यंाश में प्रयुकत अलंकार बतलाइए?

उत्तर     उपमा अलंकार।

प्रश्न-5     कविता का शीर्षक और कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/अयोध्या सिंह उपाध्याय।

श्रण्10    जो प्यारे मंजु ………………………… बोरती है।

जो प्यारे मंजु उपवन या वाटिका में खड़े हों।

छिद्रों में जा क्वणित करना वेण-सा कीचकों को।

यों होवेगी सुरति उनको सर्व गोपाँगना की।

जो हैं वंशी श्रवण-रुचि से दीर्घ उत्कण्ठ होती।

ला के फूले कमलदल को श्याम के सामने ही।

थोड़ा-थोड़ा विपुल जल में व्यग्र हो-हो डुबाना।

यों देना ऐ भगिनी जतला एक अम्भोजनेत्रा।

आँखों को ही विरह-विधुरा वारि में बोरती है।।

प्रश्न-1     राधा के अनुसार कुम्लाहा हुआ फूल चरणों में गिरा देनेे से क्या आशय है?

उत्तर     कुम्लाहे हुए फूल को देखकर श्री कृष्ण को अनुभव होगा कि कोई फूल सी कोमल युवती व्याकुल होकर उनके चरणों का स्पर्श चाहती है।

प्रश्न-2     राधा ने बॉंसों के छेदों में जाकर बॉंसुरी के समान बजाने की बात किस आशय से कही है?

उत्तर     बॉंसुरी की आवाज सुनकर श्री कृष्ण को स्मरण होगा कि गोपियॉं ब्रज में उनकी बॉंसुरी सुनने के लिए व्याकुल हो रही होगी।

प्रश्न-3     कमल के फूल को जल में डुबोनें से श्री कृष्ण को किसका स्मरण होगा?

उत्तर     जल में डुबें कमल को देखकर श्री कृष्ण को स्मरण होगा कि कमल के समान नेत्र वाली राधा भी ऑंसुओं में डुबी रहती होगी।

प्रश्न-4     काव्यंाश में प्रयुकत अलंकार बतलाइए?

उत्तर     उपमा अलंकार।

प्रश्न-5     कविता का शीर्षक और कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/अयोध्या सिंह उपाध्याय।

ज्ञण्11    धीरे लाना ………………………… कॉंप जाना      

11 धीरे लाना वहन कर के नीप का पुष्प कोई।

औ प्यारे के चपल दृग के सामने डाल देना।

ऐसे देना प्रकट दिखला नित्य आशंकिता हो।

कैसी होती विरह वश मैं नित्य रोमांचिता हूँ।।

बैठ नीचे जिस विटप के श्याम होवें उसी का।

कोई पत्ता निकट उनके नेत्र के ले हिलाना।।

यों प्यारे को विदित करना चातुरी से दिखाना।

मेरे चिन्ता-विजित चित का क्लान्त हो काँप जाना।

प्रश्न-1     कदम्ब के फूल को श्री कृष्ण की ऑंखों के सामने डालने से राधा का क्या आशय है ?

उत्तर     कदम्ब के फल को देखकर श्री कृष्ण को स्मरण होगा कि राधा भी विरह के वशीभूत होकर हर पल भयभीत रहती होगी और पुनर्मिलन की आशा से पुनः कदम्ब पुष्प के समान रोमांचित होती रहती होगी।

प्रश्न-2     वृक्ष का पत्ता श्री कृष्ण की ऑंखों के सामने डालने से श्री कृष्ण को क्या स्मरण होगा?

उत्तर     श्री कृष्ण को स्मरण होगा कि किस प्रकार से चिन्ता ने राधा को थका दिया होगा, चिन्ता ने सारा सम्बल छीन लिया होगा, श्री कृष्ण के अभाव में हृदय पत्ते की भॉति कॉपता रहता होगा।

प्रश्न-3     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार बतलाइए?

उत्तर     उपमा एवं अनुप्रास।

प्रश्न-4     कविता का शीर्षक एवं कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/अयोध्यासिंह उपाध्याय ।

स्ण्12      सूखी जाती ………………………… प्रोषिता सा हमारा।                 

12 सूखी जाती मलिन लतिका जो धरा में पड़ी हो।

तो पाँवों के निकट उसको श्याम के ला गिराना।

यों सीधे से प्रकट करना प्रीति से वंचिता हो।

मेरा होना अति मलिन औ सूखते नित्य जाना।

कोई पत्ता नवल तरु का पीत जो हो रहा हो।

तो प्यारे के दुग युगल के सामने ला उसे ही।।

धीरे-धीरे सँभल रखना और उन्हें यों बताना।।

पीला होना प्रबल दुःख से प्रोषिता-सा हमारा।।

प्रश्न-1     सूखी हुई बेल श्री कृष्ण के चरणों में गिराने की बात कहकर राधा ने किस बात का संकेत देना चाहा है?

उत्तर     सूखी हुई लता को देखकर श्री कृष्ण को अनुभव होगा कि राधा भी प्रेम रहित होकर किस तरह बेल की भांति सूखती और मलिन होती जा रही होगी।

प्रश्न-2     पीला सूखा पत्ता श्री कृष्ण को क्या अनुभव करवाएगा?

उत्तर     पीला सूखा पत्ता श्री कृष्ण को यह अनुभव कराएगा कि राधा भी प्रोषित पतिका नायिका के समान पीली पड़ती जा रही होगी।

प्रश्न-3     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार बतलाइए?

उत्तर     उपमा अलंकार।

प्रश्न-4     कविता का शीर्षक एवं कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/ अयोध्या सिंह उपाध्याय।

डण्13    यो प्यारे को ………………………… को लगाके।

13. यों प्यारे को विदित करके सर्व मेरी व्यथाएँ।

धीरे-धीरे वहन कर के पाँव की धूलि लाना।

थोड़ी-सी भी चरण-रज जो ला न देगी हमें तू।

हा ! कैसे तो व्यथित चित को बोध में दे सकूँगी।

पूरी होवें न यदि तुझसे अन्य बातें हमारी।

तो तू मेरी विनय इतनी मान ले औ चली जा।

छु के प्यारे कमल-पग को प्यार के साथ आ जा।

जी जाऊँगी हृदयतल में मैं तझी को लगाके।।

प्रश्न-1     कुछ भी न कर पाने पर अन्त में क्या करने की बात राधा ने पवन दूतिका से कही?

उत्तर     राधा अन्त में पवन दूतिका से श्री कृष्ण के चरणों की धूल उठाकर लाने की बात कहती है ताकि उसी धूलि को माथे पर लगाकर दुखी मन को समझाकर धैर्य धारण कर लूॅंगी।

प्रश्न-2     चरण धूलि न ला पाने की स्थिति में क्या करने के लिए कहा?

उत्तर     सारे प्रयास विफल हो जाने पर सिर्फ श्री कृष्ण के पास जाकर उनके कमल चरणों का स्पर्श कर लौट आना, मैं तुझे ही अपने हृदय से लगाकर जी लूॅंगी।

प्रश्न-3     काव्यांश में प्रयुक्त अलंकार बतलाइए?

उत्तर     पुनरूक्ति प्रकाश, मानवीकरण एवं अनुप्रास।

प्रश्न-4     कविता का शीर्षक एवं कवि का नाम बतलाइए?

उत्तर     पवन दूतिका/ अयोध्या सिंह उपाध्याय।

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