robert nursing nursing home, रोबर्ट नर्सिंग होम में (कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर )
निर्देशः गद्य भाग में आपकों गद्य पाठों में से कोई दो गद्यांश दिये जाएगे, आपको अपनी सुविधा के अनुसार एक ही गद्यांश चुनना है, गद्यांश में दो-दो अंक के पाँच प्रश्न होगे, इनमें से एक प्रश्न में पाठ एवं लेखक का नाम पूछा जाएगा, एक प्रश्न में रेखांकित पंक्ति की व्याख्या करना है, शेष तीन प्रश्न गद्यांश से संबंधित होगे।
रोबर्ट नर्सिंग होम में (कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर )
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रोबर्ट नर्सिंग होम में (कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर )
संकेत-1 कल तक जिनका ………………………… तनाव कुछ कम हो गया?
कल तक जिनका अतिथि था, आज उनका परिचारक हो गया; क्योंकि मेरी आतिथेया अचानक रोग की लपेट में आ गईं और उन्हें इंदौर के रॉबर्ट नर्सिंग होम में लाना पड़ा।
यह है सितंबर, 1951!
रोग का आघात पूरे वेग में, परिणाम कँपकँपाता और वातावरण चिंता से घिरा-घिरा कि हम सब सुस्त। तभी मैंने चौंक कर देखा कि अपने विशिष्ट धवल वेश में आच्छादित नारी कमरे में आ गई है। देह उनकी कोई पैंतालीस बसंत देखी, वर्ण हिम-श्वेत, पर अरुणोदय की रेखाओं से अनुरंजित, कद लंबा और सुता-सधा। ‘‘लंबा मुँह अच्छा नहीं लगता, बीमार के पास लंबा मुँह नहीं,’’ आते ही उन्होंने कहा। साफ़-सुथरी भाषा, उच्चारण साफ़ और स्वर आदेश का; पर आदेश न अधिनायक का, न अधिकारी का, पूर्णतया माँ का, जिसका आरंभ होता है शिकंजे से और अंत गोद में। हाँ, वे माँ ही थींः होम की अध्यक्षा मदर टेरेजा, मातृभूमि जिनकी फ्ऱांस और कर्मभूमि भारत! उभरती तरुणाई से उम्र के इस ढलाव तक रोगियों की सेवा में तल्लीन; यही काम, यही धाम, यही राग, यही चाव और बस यही, यही! रोगी के दोनों म्लान कपोल अपने चाँदनी-चर्चित हाथों से थपथपाए तो उसके सूखे अधरों पर चाँदी की एक रेखा खिंच आई और मुझे लगा कि वातावरण का तनाव कुछ कम हो गया।
प्रश्न-1 लेखक को राबर्ट नर्सिग होम क्यो जाना पड़ा? यहाँ लेखक की मुलाकात किससे हुई।
उत्तर लेखक प्रभाकर जी जिनके यहाँ अतिथि बनकर ठहरे थे, वे ही अचानक बीमार हो गए, जिनके कारण उन्हे राबर्ट नर्सिग होम में भर्ती कराना पड़ा यही पर लेखक की मुलाकात मदर टेरेजा और क्रिस्ट हैल्ड से हुई।
प्रश्न-2 मदर टेरेजा कौन थी? लेखक ने मदर टेरेजा की क्या विशेषता बतलाई।
उत्तर मदर टेरेजा होम की अध्यक्ष थी? जन्मी फ्रांस में थी किन्तु भारत को अपनी कर्म भूमि बनाया। रोगियों की सेवा हृदय से समर्पित होकर करती थी। चेहरा मुस्कराता हुआ और वाणी में मिठास।
प्रश्न-3 मदर टेरेजा की मातृभूमि और कर्मभूमि के नाम बताओ?
उत्तर मदर टेरेजा की जन्म भूमि थी फ्रांस और कर्मभूमि थी भारत।
प्रश्न-4 मदर टेरेजा की उपस्थिति का लेखक ने क्या प्रभाव बतलाया?
उत्तर मदर टेरेजा की उपस्थिति से वातावरण का तनाव कम हो गया।
प्रश्न-5 पाठ और पाठ के लेखक का नाम बतलाइए।
उत्तर पाठ का नाम – राबर्ट नर्सिग होम में, लेखक है – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
संकेत-2 तभी एक खटाक ………………………… बोली, यस यस।
तभी एक खटाक और हमारा डॉक्टर कमरे के भीतर। मदर ने उसे देखते ही कहा, ‘‘डॉक्टर, तुम्हारा बीमार हँस रहा है।’’ ‘‘हाँ, मदर ! तुम हँसी बिखेरती जो हो,’’ डॉक्टर ने अपने जाने कितने अनुभव यों एक ही वाक्य में गूँथ दिए। मैंने भावना से अभिभूत हो सोचा, जो बिना प्रसव किए ही माँ बन सकती है, वही तीस रुपये मासिक पर बीस वर्ष से दिन और रात सेवा में लग सकती है और वही पीड़ितों के तड़पते जीवन में हँसी बिखेर सकती है। तीसरे पहर का समय, थर्मामीटर हाथ में लिए वे आईं, मदर टेरेसा और उनके साथ एक नवयुवती, उसी विशिष्ट ध्वल वेश में, गौर और आकर्षक। हाँं, गौर और आकर्षक, पर उसके स्वरूप का चित्रण करने में ये दोनों ही शब्द असफल। यों कहकर उसके आस-पास आ पाउँगा कि शायद चाँदनी को दूध में घोलकर ब्रह्मा ने उसका निर्माण किया हो। रूप और स्वरूप का एक दैवी साँचा-सी वह लड़की। नाम उसका क्रिस्ट हैल्ड और जन्मभूमि जर्मनी। फ्ऱांस की पुत्री मदर टेरेजा और जर्मनी की दुहिता क्रिस्ट हैल्ड एक साथ, एक रूप, एकध्येय, एक रस।
‘‘तुम्हारा देश महान है, जो युद्ध के देवता हिटलर को भी जन्म दे सकता है और तुम्हारे-जैसी सेवाशील बालिका को भी,’’ मैंने उससे कहा, तो दर्प से दीप्त हो वह स्टेच्यू हो गई और अपना दाहिना पैर पृथ्वी पर वेग से ठांेककर बोली, ‘‘यस-यस।’’
प्रश्न-1 लेखक के अनुसार पीड़ितों के तड़पते जीवन में कौन हँसी बिखेर सकता है ?
उत्तर लेखक के अनुसार जो बिना आर्थिक लाभ के दिन रात सेवा में लगा हो, वहीं पीड़ितों के तड़पते जीवन में हँसी बिखेर सकता है।
प्रश्न-2 मदर टेरेजा के साथ आने वाली युवती कौन थी? लेखक ने उसकी क्या विशेषता बतलाई ?
उत्तर मदर टेरेजा के साथ आई युवती जर्मनी से आई क्रिस्ट हेल्ड थी, जो रार्बट नर्सिग होम में मदर टेरेजा के साथ रोगियों की सेवा करती है। रूप और स्वरूप में वह देवी साँचे में ढली जान पड़ती थी, शायद चाँदनी को दूध में घोलकर ब्रह्मा ने उसका निर्माण किया हो।
प्रश्न-3 क्रिस्ट हेल्ड की जन्मभूमि और कर्मभूमि का नाम बतलाइए ?
उत्तर क्रिस्ट हेल्ड की जन्मभूमि जर्मनी और कर्म भूमि थी भारत।
प्रश्न-4 लेखक ने मदर टेरेजा और क्रिस्ट हेल्ड में क्या समानता बतलाई ?
उत्तर दोनों ही एक रूप, एक ध्येय, एक रस थी।
प्रश्न-5 लेखक ने क्रिस्ट हेल्ड के बारे में क्या उदगार व्यक्त किए? अथवा क्रिस्ट हेल्ड के साथ कौनसी विरोधाभासी बाते जुड़ी हुई थी?
उत्तर क्रिस्ट हेल्ड उस देश में जन्मी थी जहाँ हिटलर जैसा क्रूर तानाशाह पैदा हुआ, लेकिन वह हिटलर से बिल्कुल विपरीत सेवाशील और उदार हृदया थी।
प्रश्न-6 पाठ और पाठ के लेखक का नाम बतलाइए।
उत्तर पाठ का नाम – राबर्ट नर्सिग होम में, लेखक है – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
संकेत-3 वह दूसरे कमरे में ………………………… पर कितनी अजेय।
वह दूसरे कमरे में चली गई, तो मदर टेरेसा को टटोला, ‘‘आप इस जर्मन लड़की के साथ प्यार से रहती हैं?’’ बोली, ‘‘हाँ, वह भी ईश्वर के लिए काम करती है और मैं भी, फिर प्यार क्यों न हो?’’ मैंने नश्तर चुभाया, ‘‘पर फ्ऱांस को हिटलर ने पद दलित किया था, यह आप कैसे भूल सकती हैं?’’ नश्तर तेज़ था, चुभन गहरी; पर मदर का कलेजा उससे अछूता रहा। बोलीं, ‘‘हिटलर बुरा था, उसने लड़ाई छेड़ी, पर उससे इस लड़की का भी घर ढह गया और मेरा भी; हम दोनों एक। ‘हम दोनों एक’, मदर टेरेसा ने इतने गहरे डूब कर कहा कि जैसे मैं उनसे उनकी लड़की छीन रहा था और उन्होंने पहले ही दाँव में मुझे चारों खाने दे मारा। मदर चली गईं, मैं सोचता रहा। मनुष्य-मनुष्य के बीच मनुष्य ने ही कितनी दीवारें खड़ी की हैं- ऊँची दीवारें, मज़बूत फ़ौलादी दीवारें, भूगोल की दीवारें, जाति-वर्ग की दीवारें। कितनी मनहूस, कितनी नगण्य, पर कितनी अजेय।
प्रश्न-1 लेखक को मदर टेरेजा और क्रिस्ट हेल्ड को एक साथ देखकर आश्चर्य क्यों हुआ?
उत्तर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के आधार पर देखे तो फ्रांस और जर्मनी एक दूसरे के शत्रु थे। हिटलर ने फ्रांस को नष्ट किया था। इधर मदर टेरेजा और क्रिस्ट फ्रांस और जर्मनी से थी किन्तु दोनों के मध्य घृणा के स्थान पर प्रेम था, यह देखकर लेखक को आश्चर्य हुआ?
प्रश्न-2 मनुष्य मनुष्य के बीच कितनी दीवारे खड़ी है, इस पंक्ति की व्याख्या कीजिए ?
उत्तर मनुष्य मनुष्य के मध्य दया, करूणा, प्रेम, सहानुभूति और सहयोग होना चाहिए किन्तु मनुष्य ने अपने बीच भौगोलिक, जाति अथवा वर्ग भेद की दीवार खड़ी कर अपने आपको बांट लिया है?
प्रश्न-3 फ्रांस और जर्मनी के संबंध में मदर टेरेजा ने क्या उद्गार व्यक्त किये ?
उत्तर फ्रांस और जर्मनी के संबंध में मदर टेरेजा ने कहा कि युद्ध शासक की इच्छा से होते है, नागरिकों की इच्छा से नहीं, नागरिक मनुष्य होता है, दोनों की पीड़ा एक जैसी होती है। यदि मेरा घर ढहा है तो इसने भी अपना घर खोया है अर्थात् शत्रुता दो देशों के बीच हो सकती है, दो मनुष्यों के बीच नहीं।
प्रश्न-4 पाठ और पाठ के लेखक का नाम बतलाइए।
उत्तर पाठ का नाम – राबर्ट नर्सिग होम में, लेखक है – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
संकेत-4 क्रिस्ट हेल्ड के पिता ………………………… हँसती हँसती भाग गई।
क्रिस्ट हैल्ड के पिता जर्मनी में एक कॉलेज के प्रिंसिपल हैं और उसने अभी पाँच वर्षों के लिए ही सेवा का व्रत लिया है। रोगिणी के गहरे काले बाल देखकर उसने कहा, ‘‘तुम्हारे काले बाल मेरे पिता के से हैं।’’ कहा और स्मृतियों में खो-सी गई। मुझे लगा कि मैं ही क्रिस्ट हैल्ड हूँ। अपने माता-पिता से हज़ारों मील दूर, एक अजनबी देश में, अकेली, खोई, छली-सी और मेरी आँखें भर आईं। लड़की मेरे आँसुओं में डूब-डूब गई और किनारा पाने को उसने जल्दी से उन्हें अपने रुमाल से पोंछ दिया। उसकी सदा हँसती आँखें, नरम हो आईं, पर ज़रा भी नम नहीं। मैंने पूछा, ‘‘घर से चलते समय रोई थीं तुम?’’ उसका भोला उत्तर था, ‘‘न, माँ बहुत रोई थी।’’ फटी आँखों से कुछ देर उसे मैं देखता रहा, तब कुछ बिस्किट उसे भेंट किए। बोली, ‘‘धन्यवाद, थैंक यू, तांग शू।’’ वह अक्सर हिंदी, अंग्रेज़ी, जर्मन भाषाओं के शब्द मिलाकर बोलती है। हम सब हँस पड़े और वह हँसती-हँसती भाग गई।
प्रश्न-1 उक्त गद्यांश से क्रिस्ट हेल्ड के बारे में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर उक्त गद्यांश से ज्ञात होता है वह जर्मनी से है, उसके पिता कॉलेज के प्रिंसीपल है और क्रिस्ट हेल्ड पाँच साल के लिए सेवा करने के उद्देश्य से भारत आई है।
प्रश्न-2 क्रिस्ट हेल्ड से बात करते हुए लेखक को क्या अनुभव हुआ ?
उत्तर सेवा के लिए युवावस्था में अपना परिवार, अपना घर, अपना देश का त्यागकर, छोड़कर हजारों मील दूर से दुखियों की सेवा भावना से भारत आना, इस अनुभव से लेखक की ऑंखें भर आई
प्रश्न-3 क्रिस्ट हेल्ड किस भाषा का प्रयोग करती है ?
उत्तर क्रिस्ट हेल्ड हिन्दी, अंग्रेजी और जर्मनी भाषाओं के शब्द मिलाकर प्रयोग करती है।
प्रश्न-4 पाठ और पाठ के लेखक का नाम बतलाइए।
उत्तर पाठ का नाम – राबर्ट नर्सिग होम में, लेखक है – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
संकेत-5 मदर टेरेजा बातों ………………………… ऑंखों में कोंध गया।
मदर टेरेजा बातों के मूड में थीं। मैंने उनके हृदय-मानस में चोर दरवाज़े से झाँका, ‘‘मदर, घर से आने के बाद फिर आप घर नहीं गईं, कभी मिलने-जुलने भी? ’’कान अपना काम कर चुके थे, वाणी को अपना काम करना था, पर मदर ने उसकी राहमोड़ दी और तब मैंने सुनी यह कहानी। कई वर्ष हुए। फ्ऱांस में विश्व-भर के पूजा-गृहों का एक सम्मेलन हुआ। भारत की दो मदर भी प्रतिनिधि होकर उस सम्मेलन में गईं। वे फ्ऱांस की ही थीं, उनके माता-पिता फ्ऱांस में ही थे। उन्हें पता था कि बरसों बाद हमारी पुत्रियाँ आ रही हैं। दोनों माताएँ अपनी पुत्रियों का स्वागत करने जहाज़ पर आईं, पर विचित्र बात यह हुई कि वे दोनों अपनी पुत्रियों को पहचान न पाईं और आपस में कहती रहीं कि तुम्हारी बेटी कौन-सी है। अंत में उनका नाम पूछा और तब गले मिलीं। कहानी पूरी हुई, तो कई प्रश्न उठे, पर मदर टेरेसा उनके उठते-न-उठते भाग गईं।
निश्चय ही उन दोनों अनपहचानी पुत्रियों में से एक वे स्वयं थीं। बस इतना ही एक दिन मैं उनसे और कहला सका, ‘‘घर से बहुत चिट्ठी आती हैं, तो मैं यहाँ के किसी स्थान का फ़ोटो भेज देती हूँ। ’’रोग पूरे उभार पर था, रोगी के लिए असह्य। मदर टेरेसा ने कहा, ‘‘तुम्हारे लिए आज विनती करूँगी।’’ उनका चेहरा उस समय भक्त की श्रद्धा से आलोकित हो उठा था। रोगी ने कहा, ‘‘कल भी करना मदर।’’ मदर के स्वर में मिसरी-ही-मिसरी, पर मिसरी कूजे की थी, जो मिठास तो तुरंत ही देती थी, पर घुलती तुरंत नहीं और बल का प्रयोग हो, तो मुँह तक को छील देती है। बोलीं, ‘‘न, कल उसके लिए करूँगी, जिसे सबसे अधिक कष्ट होगा।’’ जैसे हज़ार वाट का बल्ब मेरी आँखों में कौंध गया।
प्रश्न-1 दो पुत्रियों का प्रसंग किस उद्देश्य से किया गया?
उत्तर दो पुत्रियों का उल्लेख यह बताने के लिए किया गया कि भारत से गई दोनों मदर इतने सालों के बाद जब स्वदेश गई तो उनकी माताएँ उन्हें पहचान ही नहीं पाई अर्थात् दोनों ने इतना समय भारत में बिताया कि उनके माता-पिता अपनी सन्तान का चेहरा तक भूल गए थे।
प्रश्न-2 घर से चिट्ठियां आने पर मदर टेरेजा क्या करती है ?
उत्तर घर से चिट्ठियां आने पर मदर टेरेजा यहाँ के किसी स्थान का फोटो भेज देती थी।
प्रश्न-3 मदर टेरेजा की किस बात को सुनकर लेखक की आँखों में हजार वॉट का बल्ब कौंध गया ?
उत्तर एक बार मदर टेरेजा ने एक रोगी से कहा कि मैं ईश्वर से तुम्हारे लिए विनती करूँगी। इस पर रोगी ने कहा कि कल भी करना। रोगी की बात सुनकर मदर टेरेजा ने कहा कि कल मैं उनके लिए प्रार्थना करूँगी जिसे सबसे अधिक कष्ट होगा,’’ मदर टेरेजा का यह कथन सुनकर लेखक की आँखों में हजार वाट का बल्ब कौंध गया।
प्रश्न-4 पाठ और पाठ के लेखक का नाम बतलाइए।
उत्तर पाठ का नाम – राबर्ट नर्सिग होम में, लेखक है – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
संकेत-6 मैंने बहुतों को ………………………… जी उठी, जी उठी।
मैंने बहुतों को रूप से पाते देखा था, बहुतों को धन से और गुणों से भी बहुतों को पाते देखा था, पर मानवता के आँगन में समर्पण और प्राप्ति का यह अद्भुत सौम्य स्वरूप आज अपनी ही आँखों से देखा कि कोई अपनी पीड़ा से किसी को पाए और किसी का उत्सर्ग सदा किसी की पीड़ा के लिए ही सुरक्षित रहे। ऊपर के बरामदे में खड़े-खड़े मैंने एक जादू की पुड़िया देखी, जीती जागती जादू की पुड़िया। आदमियों को मक्खी बनाने वाला कामरूप का जादू नहीं, मक्खियों को आदमी बनाने वाला जीवन का जादू- होम की सबसे बुढ़िया मदर मार्गरेट। कद इतना नाटा कि उन्हें गुड़िया कहा जा सके, पर उनकी चाल में गज़ब की चुस्ती, कदम में फ़ुर्ती और व्यवहार में मस्ती; हँसी उनकी यों कि मोतियों की बोरी खुल पड़ी और काम यों कि मशीन मात माने। भारत में चालीस वर्षों से सेवा में रसलीन, जैसे और कुछ उन्हें जीवन में अब जानना भी तो नहीं! ऑपरेशन के लिए एक रोगी आया, ऐश-आराम में पला जीवन। कहने की बेचारे को आदत, सहने का उसे क्या पता? पर कष्ट क्या पात्र की क्षमता देखकर आता है?
‘‘मदर मर जाऊँगा,’’ उसने विह्वल होकर कहा। वातावरण चीत्कार की विह्वलता से भर गया, पर बूढ़ी मदर की हँसी के दीपक ने झपकी तक नहीं खाई। बोलीं, ‘‘कुछ नहीं, कुछ नहीं, आज है ऐवरीथिंग (सब कुछ), कल समथिंग (कुछ-कुछ) और बस, तब नथिंग (कुछ नहीं)’’ और वे इतने ज़ोर से खिलखिलाकर हँसीं कि आस-पास कोई होता, तो झेंप जाता। एक रोगी उन्होंने देखा-चिंता के गर्त से उठ-उभरती रोगिणी। ज़ोर से चुटकियाँ बजाकर वे किलकीं- ‘‘जी-उती, जी-उती।’’ अर्थ हैµ. जी-उठी, जी-उठी।
प्रश्न-1 लेखक मदर टेरेजा के बारे में क्या उद्गार व्यक्त किए ?
उत्तर लेखक ने कहा कि मानवता के आँगन में समर्पण और प्राप्ति का यह अद्भुत सौम्य स्वरूप आज अपनी ही आँखों देखा कि कोई अपनी पीड़ा से किसी को पाए और किसी का उत्सर्ग सदा किसी की पीड़ा के लिए ही सुरक्षित रहे।
प्रश्न-2 लेखक ने जादू की पुड़िया किसे कहा है और क्यों?
उत्तर लेखक ने मदर टेरेजा को जादू की पुड़िया कहा क्योंकि मदर टेरेजा आदमी को मक्खी नहीं बल्कि मक्खी को आदमी बनाने का जादू जानती है।
प्रश्न-3 मदर टेरेजा ने रोगी से क्या कहा?
उत्तर जब रोगी ने कहा, ‘मदर मर जाऊँगा,’ इस पर मदर टेरेजा ने कहा- कुछ नही, आज एवरी थिंग है, कल समथिंग, नथिंग कुछ नहीं
प्रश्न-4 पाठ और पाठ के लेखक का नाम बतलाइए।
उत्तर पाठ का नाम – राबर्ट नर्सिग होम में, लेखक है – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
संकेत-7 यह अनुभव कितना ………………………… ले कृतार्थ हुई ।
यह अनुभव कितना चमत्कारी है कि यहाँ जो जितनी अधिक बूढ़ी है, वह उतनी ही अधिक उत्फुल्ल, मुस्कानमयी है। यह किस दीपक की जोत है? जागरूक जीवन की ! लक्ष्यदर्शी जीवन की! सेवा-निरत जीवन की! अपने विश्वासों के साथ एकाग्र जीवन की! भाषा के भेद रहे हैं, रहेंगे भी, पर यह जोत विश्व की सर्वोत्तम जीत है।
सिस्टर क्रिस्ट हैल्ड का तबादला हो गया-अब वह धानी के भील सेवा-केंद्र में काम करेगी। ओह, उस जंगली जीवन में यह कर्पूरिका; पर कर्पूरिका तो अपने सौरभ में इतनी लीन है कि उसे स्वर्ग के अतिरिक्त और कुछ दिखता ही नहीं। वह हम लोगों को मिलने आई-हँसती, खिलती, बिखरती और कुदकती। यहाँ से जाने का उसे विषाद नहीं, एक नई जगह देखने का चाव उसके रोम-रोम में, पर मुझे उसका जाना कचोट-सा रहा था। वह दूसरे रोगियों से मिलने चली गई। इधर-उधर आते-जाते वह दो-तीन बार कमरे के बाहर से निकली, पर फिर एक बार भी उसने उधर नहीं झाँका। मैंने अपने से कहा, ‘‘कोई लाख उलझे, उसे किसी में नहीं उलझना है।’’ और तब सिस्टर क्रिस्ट हैल्ड का, सच यह है कि सिस्टर-मदर वर्ग का निस्संग, निर्लिप्त, निर्द्वंद्व जीवन पूरी तरह मेरे मानस-चक्षुओं में समा गया और फिर मैंने आप ही आप कहा-‘‘सिस्टर क्रिस्ट हैल्ड, हम भारतवासी गीता को कंठ में रखकर धनी हुए, पर तुम उसे जीवन में ले कृतार्थ हुईं।’’
प्रश्न-1 लेखक ने चमत्कारी अनुभव किसे कहा है?
उत्तर मदर टेरेजा जो बहुत अधिक बूढ़ी है, किन्तु उतनी ही उत्फुल और मुस्कानमयी, मदर टेरेजा की इसी विशेषता को लेखक ने चमत्कार कहा।
प्रश्न-2 लेखक ने विश्व की सर्वोत्तम जीत किसे कहा है?
उत्तर जागरूक जीवन, लक्ष्यदर्शी जीवन, सेवा निरत जीवन, विश्वास के साथ एकाग्र जीवन, इसी को लेखक ने विश्व की सर्वोत्तम जीत कहा है।
प्रश्न-3 क्रिस्ट हेल्ड के हॉस्पिटल छोड़कर जाने पर लेखक ने क्या उद्गार व्यक्त किये?
उत्तर क्रिस्ट हेल्ड के हॉस्पिटल छोड़कर जाने पर लेखक ने कहा कि हम भारतवासी गीता को कंठ में रखकर धनी हुए, पर तुम उसे जीवन में ले कृतार्थ हुई।
प्रश्न-4 पाठ और पाठ के लेखक का नाम बतलाइए।
उत्तर पाठ का नाम – राबर्ट नर्सिग होम में, लेखक है – कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
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